प्रयागराज (राजेश सिंह)। नैनी सेंट्रल जेल में जनवरी 2014 से आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया गुरुवार सुबह रिहा कर दिए गए। रिहाई के समय उनकी पत्नी पूर्व भाजपा विधायक नीलम करवरिया व अन्य समर्थक भी जेल के बाहर मौजूद थे। राज्य सरकार ने अच्छे चाल चलन की वजह से समय पूर्व उनकी रिहाई का आदेश दिया है। यह आदेश 19 जुलाई को जारी हुआ था। कागजी खानापूर्ति में पांच दिन और लग गया। प्रयागराज मंडल की राजनीति में बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले पूर्व विधायक उदयभान करवरिया और उनके भाइयों, बड़े भाई पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि करवरिया तथा छोटे भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया के अलावा रिश्तेदार रामचंद्र त्रिपाठी ( कल्लू) को झूंसी से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित हत्याकांड में उम्र कैद मिली थी। जवाहर की 13 अगस्त 1996 में सिविल लाइंस क्षेत्र में गोली मार कर हत्या की गई थी।
भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की रिहाई से तमाम राजनीतिक समीकरण बदलेंगे। उनकी पहचान ब्राह्मण चेहरे के रूप में होती है। भाजपा 2027 के विधानसभा चुनाव में उसका फायदा उठाना चाहेगी। भाजपा से राजनीति की शुरुआत करने वाले उदयभान पहले प्रयास में सफल हो गए थे।
वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी के संरक्षण में राजनीतिक सफर में आगे बढ़ते रहे। यही वजह रही कि 2002 के चुनाव में उन्हें बारा विधानसभा का संयोजक बनाकर भेजा गया। जैसे ही चुनाव घोषित हुए उन्हें पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बना दिया गया। उन्होंने बसपा उम्मीदवार को मात दी।
2014 में जारी हुआ वारंट, न्यायालय में किया आत्मसमर्पण
13 अगस्त, 1996 को सिविल लाइंस में सपा के पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित की दिनदहाड़े गोलियों से छलनी कर दिया गया था। पहली बार ऐसा हुआ था, जब इलाहाबाद में एके-47 तड़तड़ाई थी।
स्थिति वर्ष 2014 में पलटी
उदयभान ने वर्ष 2014 में न्यायालय में तब आत्मसमर्पण किया था, जब उनके खिलाफ वारंट जारी हो गया था। अदालत ने चार नवंबर 2019 को तीनों भाइयों सहित चार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। करवरिया परिवार और पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित के बीच बालू के ठेकों पर वर्चस्व को लेकर अदावत शुरू हुई थी। वहीं विधायक व जवाहर पंडित की पत्नी विजमा यादव का कहना है कि उदयभान करवरिया की हुई रिहाई को न्यायालय में चुनौती दूंगी।