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इविवि: हंगामे में शामिल छात्रों का रोका रिजल्ट, चीफ प्रॉक्टर ने की थी अनुशासनात्मक कार्रवाई

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में पिछले दिनों अलग-अलग मामलों को लेकर हुए हंगामे में शामिल तकरीबन 60 छात्रों का रिजल्ट विश्वविद्यालय प्रशासन ने रोक दिया है। इन छात्रों के खिलाफ चीफ प्रॉक्टर की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी। अब प्राॅक्टर ऑफिस से हरी झंडी मिलने के बाद ही परिणाम जारी किया जाएगा। इविवि में पिछले दिनों एसएसएल हॉस्टल के एक छात्र ने तत्कालीन चीफ प्रॉक्टर डॉ. राकेश सिंह पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने छात्र को अपने कार्यालय में बुलाकर पीटा। छात्र ने चीफ प्रॉक्टर के साथ प्रॉक्टोरियल बोर्ड के कुछ सदस्यों पर भी पिटाई करने का आरोप लगाया था। इस घटना के बाद इविवि परिसर में काफी हंगामा हुआ था। विश्वविद्यालय परिसर में तोड़फोड़ भी हुई थी और कुलसचिव पर स्याही फेंक दी गई थी।
इस मामले में इविवि प्रशासन की ओर से उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। घटना में शामिल छात्रों को सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से चिह्नित करते हुए उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा विधि संकाय में छात्रों ने गलत पेपर वितरित किए जाने का आरोप लगाते हुए परीक्षा का बहिष्कार और हंगामा किया था। इस मामले में भी कुछ छात्रों को चिह्नित कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी।
इसके अलावा अनुशासहीनता के अलग-अलग मामलों में भी चीफ प्रॉक्टर की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इन सभी मामलों में संलिप्त छात्रों के परिणाम इविवि ने रोके हैं। जिन छात्रों का रिजल्ट रोका गया है, वे स्नातक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के हैं। चीफ प्रॉक्टर कार्यालय की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही इनका परिणाम जारी किया जाएगा।

सिर्फ दो मामलों में परीक्षार्थियों का रिजल्ट रोका जाता है। अगर छात्र पर हॉस्टल का कोई शुल्क बकाया है या किसी छात्र के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद चीफ प्रॉक्टर कार्यालय से परीक्षा नियंत्रक को क्लीयरेंस नहीं मिली है तो संबंधित छात्र का रिजल्ट रोक लिया जाता है। - प्रो. जया कपूर, पीआरओ, इविवि

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