प्रयागराज (राजेश सिंह)। मंडल के तीन जिलों प्रतापगढ़, प्रयागराज और कौशांबी में बुधवार को बदरा भले ही जमकर नहीं बरसे लेकिन उनकी गरज तरज लोगों में खौफ की वजह बनी रही। अलग-अलग स्थानों पर व्रजपात से रात आठ बजे तक कुल 14 लोगों के मौत की सूचना थी। इनमें नौ मौतें प्रतापगढ़ में दर्ज हुईं जबकि पांच प्रयागराज में। इससे एक दिन पहले मंगलवार को 10 लोगों की मौतें हुईं थीं। गरज-तरज की आशंका बनी हुई है।
प्रतापगढ़ में बुधवार का दिन नौ जिंदगियों के लिए भारी गुजरा। दोपहर दो बजे के आसपास आसमान में जहां तहां बादलों ने घेरेबंदी की और गरज तरज के साथ बूंदाबांदी अथवा बारिश होने लगी।
इसी दौरान कुंडा तहसील में पांच, पट्टी तहसील में दो, सदर और रानीगंज तहसील में एक-एक लोगों यानी कुल नौ लोगों की वज्रपात से मौत हो गई। रात आठ बजे तक जिला मुख्यालय पर अधिकारियों के पास यही सूचना थी।
इससे एक दिन पहले मंगलवार को जिले में तीन लोग मारे गए थे। करीब दर्जन भर लोग झुलसे भी हैं, लेकिन उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। मारे गए अधिकतर लोग खेतों अथवा बाग में थे। प्रयागराज जिले के सराय इनायत थाना क्षेत्र में दो लोगों की जान व्रजपात की चपेट में आने से हुई।
इसके अलावा सहसों-कोरांव तथा सराय ममरेज में एक-एक व्यक्तियों ने दम तोड़ दिया। दो मवेशियों की भी मौत व्रजपात से हुई है। मंगलवार को हंडिया में तीन लोगों की जान चली गई थी। प्रयागराज जिले में कुल चार लोग मारे गए थे। कौशांबी में भी तीन मौतें हुईं थीं।