प्रयागराज (राजेश सिंह)। मेजा से सीपीएम के टिकट पर दो बार विधायक रहे रामकृपाल को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सात वर्ष की सजा से दंडित किया है। इन पर विद्यालय के कागजात की कूट रचना करने एवं धोखाधड़ी का आरोप है। यह आदेश अपर सीजेएम/विशेष न्यायालय एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट बृजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने अभियोजन अधिकारी एवं आरोपित पूर्व विधायक के अधिवक्ताओं के बातों को सुनने तथा पत्रावली पर पेश किए गए सबूत मौखिक बयानों का अवलोकन करने के बाद दिया। सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य विधान सभा का निर्वाचित प्रतिनिधि होने के कारण अभियुक्त राम कृपाल को सत्यनिष्ठा, कर्तव्यनिष्ठा, सदाचार एवं विश्वसनीयता के उच्चतम मानकों का पालन करना चाहिए था परन्तु अभियुक्त रामकृपाल ने अपने सबरी स्मारक महाविद्यालय की मान्यता के लिए गम्भीर अपराध जैसे छल, कूटरचना एवं फर्जी दस्तावेज तैयार किया गया है। इसलिए अभियुक्त रामकृपाल को दंडित किया जाना न्यायोचित होगा।
आपरेशन कनविक्शन के तहत पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज के थाना कोरांव में पंजीकृत मुकदमा बनाम राम कृपाल पुत्र स्व. जयराम निवासी ग्राम बड़ोखर थाना कोरांव प्रयागराज के संबंध में 5 दिसंबर 2007 को अभियोग पंजीकृत किया गया। अभियोग में राम कृपाल पुत्र स्व. जयराम निवासी ग्राम बड़ोखर थाना कोरांव प्रयागराज के विरूद्ध धारा 29 मई 2008 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। अभियोजन विभाग से समन्वय स्थापित करके समयबद्ध रूप से साक्षियों का साक्ष्य कराकर प्रभावी पैरवी किये जाने के फलस्वरुप 29 जुलाई 2024 को विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए/ एसीजेएम-06 इलाहाबाद द्वारा अभियुक्त राम कृपाल पुत्र स्व. जयराम निवासी ग्राम बड़ोखर थाना कोरांव प्रयागराज को धारा 420 में 05 वर्ष के कारावास व 05 हजार रुपये के अर्थदण्ड, धारा 467 में 07 वर्ष के कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड, धारा 468 में 05 वर्ष का कारावास व 05 हजार रुपये के अर्थदण्ड तथा धारा 471 में 02 वर्ष का कारावास व 02 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।