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वायनाडः भूस्खलन में पांच की मौत, सैकड़ों के फंसे होने की आशंका

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वायनाड (केरल)। केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की खबर है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण दो बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि सैकड़ों लोगों के फंसने की आशंका है। स्थानीय आपदा मोचन बल के जवान राहत और बचाव कार्य चला रहे हैं। बारिश के कारण कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

केरल के पहाड़ी वायनाड जिले में मंगलवार को हुए भूस्खलन में दो बच्चों सहित पांच लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। वायनाड जिले के अधिकारियों के मुताबिक, जिले के चूरालमाला कस्बे में एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की मौत हुई।

केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने कहा कि केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन होने के मद्देनजर सभी सरकारी एजेंसियां खोज और बचाव अभियान में शामिल हो गई हैं।

राहुल गांधी ने कहा, श्वायनाड में मेप्पाडी के पास बड़े पैमाने पर भूस्खलन से मैं बहुत दुखी हूं। मैंने केरल के मुख्यमंत्री और वायनाड जिला कलेक्टर से बात की है, जिन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि बचाव अभियान चल रहा है। मैंने उनसे सभी एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने, एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और राहत प्रयासों के लिए आवश्यक किसी भी सहायता के बारे में हमें सूचित करने का अनुरोध किया है। मैं केंद्रीय मंत्रियों से बात करूंगा और उनसे वायनाड को हरसंभव सहायता मुहैया कराने का अनुरोध करूंगा। मैं सभी यूडीएफ कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव अभियान में प्रशासन की सहायता करने का आग्रह करता हूं।श्

पीएम नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, श्वायनाड के कुछ हिस्सों में भूस्खलन से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं। वर्तमान में प्रभावित सभी लोगों की सहायता के लिए बचाव अभियान चल रहा है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से बात की और वहां मौजूदा स्थिति के मद्देनजर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।श्

केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक अग्निशमन और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को वायनाड और भूस्खलन प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम भी वायनाड भेजी गई है। केएसडीएमए ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर मंगलवार तड़के भूस्खलन की जानकारी दी। इस पोस्ट के अनुसार, कन्नूर रक्षा सुरक्षा कोर की दो टीमों को भी राहत और बचाव कार्यों में मदद के लिए वायनाड जाने का निर्देश दिया गया है।

मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने बताया कि सभी सरकारी एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में एकजुट होकर नागरिकों की मदद कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने एक नियंत्रण कक्ष खोला है और आपातकालीन फोन नंबर 9656938689, 8086010833 जारी किए हैं। इसके अलावा, वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर एमआई-17 और एक एएलएच सुबह साढ़े सात बजे सुलूर से उड़ान भरेंगे।

जिले के अधिकारियों ने बताया कि मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। कई इलाकों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। राज्य में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) विधायक टी सिद्दीकी ने सोशल मीडिय पर जारी एक वीडियो संदेश में कहा, वायनाड जिला अधिकारी मुंडक्कई इलाके से लोगों को हवाई मार्ग से निकालने की योजना बना रहे हैं। फिलहाल, भूस्खलन में लापता और मृत लोगों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। एनडीआरएफ के जवान उन जगहों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं जिनका संपर्क कट गया है

वायनाड के स्थानीय अधिकारियों ने एक बच्चे की मौत होने की पुष्टि की है। वायनाड जिला अधिकारियों के अनुसार, थोंडेरनाद गांव में रहने वाले नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे और चूरलमाला कस्बे में एक बच्चे समेत कुल पांच लोगों की मौत हो चुकी है। भूस्खलन का दायरा देखते हुए मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक राज्य के मंत्री बचाव गतिविधियों का नेतृत्व करने के लिए वायनाड जिले में पहुंचेंगे।

केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन के कारण जानमाल का बड़ा नुकसान होने की आशंका है। मेप्पाडी के पास अलग-अलग पहाड़ी इलाकों में मंगलवार तड़के भूस्खलन के बाद दो बच्चों समेत पांच की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने बताया कि प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए कई दलों को भेजा गया है। प्रभावित क्षेत्रों के स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों के फंसे होने की आशंका है। भारी वर्षा के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है। जिला अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित परिवारों को अलग-अलग शिविरों या उनके रिश्तेदारों के घरों तक पहुंचाया जा रहा है।

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