सब लगा पाएंगे पुण्य कि डुबकी
प्रयागराज (राजेश सिंह)। सितासिते सरिते यत्र सङ्गते तत्राप्लुतासो दिवमुत्पतंति /ये वै तन्वं विसृजन्ति धीरास्ते जनासो अमृतत्वं भजन्ते...। अनादि तीर्थ संगम में पुण्य स्नान की महिमा ऋग्वेद के खिलसूक्त के इस श्लोक में स्वर्ग के बराबर फल प्राप्ति के रूप में दी गई है। इसका आशय है कि जहां गंगा-यमुना, सरस्वती का मिलन होता है, वहां स्नान करने वालोंको स्वर्ग मिलता है। जो श्रद्धालु इस संगम में तन का त्याग करते हैं, उन्हें मोक्षप्राप्ति होती है। महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने के अनुमान के बीच मेला प्रशासन संगम में पुण्य की लगाने की सबकी आस पूरी करेगा। इसके लिए दो नए संगम तट विकसित किए जाएंगे।
महाकुंभ में घाटों का दायरा चार किमी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। कुंभ 2019 में आठ किमी लंबे घाटों पर सुगम स्नान की व्यवस्था की गई थी। तब 24 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम स्नान का प्रशासन ने रिकॉर्ड दर्ज किया था। इस बार डेढ़ गुना अधिक भीड़ आने के अनुमान को देखते हुए चार किमी तक घाटों का विस्तार किया जाएगा। इस बार 12 किमी लंबे घाटों पर पुण्य की डुबकी लगाने की व्यवस्था की जाएगी।
मेला प्रशासन ने भीड़ के दबाव को बांटने के लिए दो नए संगम तट विकसित करने की योजना बनाई है। इसमें ओल्ड जीटी के पास बड़ा घाट बनाया जाएगा। इस घाट का सर्क्युलेटिंग एरिया संगम नोज के बराबर होगा। वहां चेंजिंग रूम, जेटी, शौचालय के अलावा अन्य प्रबंध भी किए जाएंगे। इस संगम पर अयोध्या, लखनऊ, कानपुर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान की सुविधा मिलेगी।
इसी तरह दूसरा संगम तट झूंसी की तरफ एरावत द्वार के पास बनाया जाएगा। इसका भी दायरा संगम नोज के बराबर होगा और उसी तरह की उच्चस्तरीय सुविधाएं स्नानार्थियों को प्रदान की जाएंगी। ताकि जौनपुर, वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर की ओर से आने वाले श्रद्धालु वहां पुण्य की डुबकी लगा सकें।
12 किमी लंबे घाटों पर महाकुंभ में मिलेगी स्नान की सुविधा
08 किमी लंबे घाटों पर 2019 के कुंभ में लगी थी पुण्य की डुबकी
04 किमी तक बढ़ेगा घाटों का दायरा
2 स्थानों पर भीड़ का दबाव बांटने के लिए विकसित किए जाएंगे नए संगम तट
इस बार चार चार किमी तक घाटों का विस्तार करते हुए कुल 12 किमी लंबे घाट बनाए जाएंगे। इसके लिए तैयारी कर ली गई है। पहली बार संगम नोज की तरह दो नए संगम तट विकसित किए जाएंगे, ताकि देश-दुनिया के हर कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को संगम स्नान का लाभ मिल सके। - विजय किरन आनंद, कुंभ मेलाधिकारी।