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प्रयागराज: दुर्घटना में नहीं बल्कि पूर्व रेलकर्मी की बेरहमी से हुई थी हत्या, पड़ोसी छात्र गिरफ्तार

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। शहर के करेली में पूर्व रेलकर्मी आनंद प्रकाश श्रीवास्तव (62) की मौत के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। उनकी मौत हादसे में नहीं हुई, बल्कि उन्हें बेरहमी से मारा गया था। पहले उन्हें करंट लगाया गया और फिर शव जलाने के लिए घर में आग लगा दी गई। पुलिस ने हत्यारोपी पड़ोसी बीए के छात्र को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने पूछताछ में रुपयों के लालच में वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की है। आनंद प्रकाश लोको पायलट थे, जिन्होंने कुछ साल पहले वीआरएस ले लिया था। वह करेली में सावित्री गार्डेन के पीछे स्थित मोहल्ले में निजी मकान में अकेले रहते थे। उनकी पत्नी की कुछ साल पहले मौत हो चुकी थी। 21 अगस्त की रात 8:30 बजे के करीब उनका शव घर के भीतर बिस्तर पर अधजली हालत में मिला था। पोस्टमार्टम में करंट से मौत की बात सामने आई थी।
ऐसे में माना गया था कि करंट लगने से मौत के बाद शॉर्ट सर्किट की वजह से घर में आग लग गई। पुलिस तब चौंक गई जब 27 अगस्त को मृतक के भतीजे ने सूचना दी कि उनके चाचा के खाते से 5.5 लाख रुपये निकाले गए हैं। पुलिस ने बैंक अकाउंट डिटेल निकलवाई तो कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आईं।
इसी आधार पर मंगलवार को मृतक के पड़ोस में रहने वाले बीए के छात्र आदित्य कुशवाहा (18) को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई तो घटना का खुलासा हो गया। डीसीपी गंगानगर अभिषेक भारती ने बताया कि आरोपी ने कबूल किया है कि उसने रुपयों के लालच में पूर्व रेलकर्मी की हत्या की। इस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

कातिल तक ऐसे पहुंची पुलिस

इस खुलासे में सबसे अहम भूमिका एसीपी पुष्कर वर्मा की रही। दरअसल जैसे ही मृतक के खाते से पैसे निकाले जाने की जानकारी मिली, उन्होंने इस प्रकरण को अपने हाथों में ले लिया। इसके बाद अकाउंट डिटेल निकलवाई गई तो पता चला कि खाते से 5.5 लाख रुपये की ऑनलाइन शॉपिंग की गई है। इसका विवरण निकालने पर पता चला कि डेबिट कार्ड से आईफोन, ईयरपॉड, फोन कवर, महंगी एसेसरीज खरीदी गईं। जांच के क्रम में ई-कॉमर्स वेबसाइट से कस्टमर का रिकॉर्ड निकलवाया गया तो आदित्य का नाम सामने आया। इसके बाद एसीपी ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो परत दर परत मामले का खुलासा हो गया।            

दूसरे दिन जाकर किया था कत्ल
 
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने पूछताछ में बताया कि पड़ोस में रहने के नाते मृतक उसे अक्सर घरेलू छोटे-मोटे कामों के लिए घर बुलाते थे। एक दिन बातों बातों में ही उन्होंने बताया कि उनके खाते में 20 लाख रुपये हैं। यह सुनकर उसके मन में लालच आ गया। 21 अगस्त को घर जाकर उसने उनका डेबिट कार्ड चुरा लिया। हालांकि, भागते वक्त आनंदप्रकाश की नींद खुल गई और उन्होंने उसे पकड़ लिया। इस पर उसने उन्हें धक्का दे दिया और दरवाजे से टकराने के कारण वह बेहोश हो गए। इसके बाद वह भाग निकला। अगले दिन दोपहर तक कोई शोरगुल न होने पर वह फिर उनके घर पहुंचा और पहले उन्हें करंट लगा दिया। इसके बाद गद्दे में आग लगाकर भाग निकला।
 
मोबाइल से निकाल लिया था सिम

पुलिस के मुताबिक, आरोपी डेबिट कार्ड से शॉपिंग के लिए मृतक के सिम का इस्तेमाल कर रहा था। दरअसल, चोरी करने के बाद उसने मोबाइल फेंक दिया लेकिन सिम अपने पास रख लिया। ऐसे में डेबिट कार्ड से शॉपिंग करने पर उसे ओटीपी पता चल जाता था और वह आसानी से शॉपिंग कर लेता था।

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