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दो गुटों में बंटा अखाड़ा परिषद, निर्माेही अनी अखाड़ा के बहिष्कार का एलान

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प्रयागराज (राजेश शुक्ल)। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने निर्माेही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास के बहिष्कार का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अगर निर्माेही अखाड़ा उनके साथ रहेगा तो उसका भी बहिष्कार किया जाएगा। यही नहीं, इनके समर्थन में जितने अखाड़े खड़े रहेंगे, उनका भी बहिष्कार होगा। अखाड़ा परिषद से जुड़े अखाड़े उन्हें अपने किसी कार्यक्रम में नहीं बुलाएंगे, न उनके कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह निर्णय राजेंद्र दास द्वारा बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई 13 अखाड़ों की बैठक में अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्षों को लेकर अपशब्द कहने पर लिया गया है। इसका प्रस्ताव पारित करने के लिए प्रयागराज में जल्द अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाई जाएगी। 

निरंजनी अखाड़ा गुट भारी

अखाड़ा परिषद मौजूदा समय दो गुटों में बंटा है। एक गुट के अध्यक्ष निरंजनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी और महामंत्री महंत हरि गिरि हैं। इनके साथ जूना, निरंजनी, अग्नि, आवाहन, आनंद, दिगंबर अनी, निर्वाणी अनी, बड़ा उदासनी अखाड़ा हैं। 

दूसरे गुट के अध्यक्ष श्री महानिर्वाणी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी और महामंत्री निर्माेही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्री महंत राजेंद्र दास हैं। इनके साथ महानिर्वाणी, निर्माेही अनी, अटल, निर्मल व नया उदासीन अखाड़ा है। संख्या बल के हिसाब से निरंजनी अखाड़ा गुट भारी है।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद अत्यंत गरिमापूर्ण है। अभी तक जो अध्यक्ष रहे हैं, उन्होंने समस्त अखाड़ों के हित में काम किया है। राजेंद्र दास ने उनके प्रति अनर्गल बातें कहकर सबकी भावनाओ को ठेस पहुंचाया है। यह अनुशासनहीनता है, जिसके चलते उनका बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है। अगर उनका अखाड़ा अथवा जो अखाड़े उनके साथ रहेंगे उनका भी बहिष्कार किया जाएगा। इसका प्रस्ताव जल्द अखाड़ा परिषद की बैठक में पारित किया जाएगा। -महंत हरि गिरि, महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद


बैठक में आ गई थी हाथापाई की नौबत

छह अक्टूबर को प्रयागराज स्थित परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ मेला को लेकर 13 अखाड़ों के संतों के साथ बैठक की। इसमें राजेंद्र दास ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि इनकी कार्यप्रणाली अखाड़ों के खिलाफ रही है। इससे अखाड़ों का विकास रुका है। इसका श्री महंत रवींद्र पुरी ने कड़ा विरोध किया। इससे हाथापाई की नौबत आ गई थी। इसे गंभीरता से लेते हुए अखाड़ा परिषद ने राजेंद्र दास का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

मेरी छवि खराब करने के लिए मेरे ऊपर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं। मैंने अखाड़ा परिषद के किसी अध्यक्ष के खिलाफ कुछ नहीं बोला है। -श्री महंत राजेंद्र दास, अध्यक्ष निर्माेही अनी अखाड़ा

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