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घोटाला: सड़क की फर्जी मापी के आधार पर पीडब्ल्यूडी में 1.71 करोड़ रुपये का भुगतान

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड -तीन में सड़क निर्माण में लाखों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। अनुबंध के विपरीत कम क्रस्ट डालकर एक करोड़ रुपये से अधिक फर्जी भुगतान करा लिया गया। जांच में काम अधोमानक और अपूर्ण पाए जाने के बाद ठेका अस्वीकृत किए जाने का पत्र एक्सईएन-एसई ने लिखा है, लेकिन अफसर इस घपले की लीपापोती में जुट गए हैं। इस मामले में कई अफसरों की संलिप्तता की बात कही जा रही है।
14 किमी लंबे वरुणा-जंघई मार्ग के नवीनीकरण का अनुबंध 11 सितंबर 2023 को किया गया था। इस अनुबंध के मुताबिक डामरीकरण की मोटाई 30 एमएम होनी थी, लेकिन जांच में 15 एमएम ही बिटुमिन कांक्रीट पाया गया। हद तो तब हो गई जब जेई-एई और संबंधित ठेकेदार ने इस सड़क की फर्जी मापी कराकर माप पुस्तिका पर 30 एमएम मोटाई में बिटुमिन कांक्रीट का डामरीकरण दर्ज करा दिया।
इसके बाद फर्जी मापी के आधार पर 1.71 करोड़, 65 हजार 318 रुपये भुगतान करा लिए गए। यह भुगतान एक्सईएन पीके राय के समय हुआ। फिलहाल पीके राय प्रांतीय खंड के एक्सईएन हैं। इस गड़बड़ी की शिकायत अंकित शुक्ला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत और डीएम से की है। शिकायत मिलने के बाद निर्माण खंड-तीन के मौजूदा एक्सईएन एनके शर्मा ने जांच कराई तो कई जगह क्रस्ट कम पाया गया।
सड़क निर्माण अपूर्ण होने और भुगतान करा लिए जाने को लेकर उन्होंने ठेका फर्म मेसर्स जय सिंह को कई बार कार्यालय बुलाया और सड़क निर्माण मानक के अनुरूप कराने की हिदायत दी। बाद में बीती 11 जुलाई को उन्होंने इस सड़क के अनुबंध को अस्वीकृत करने के लिए एसई देवेंद्र कुमार सिंह को पत्र लिखा।
एसई ने 12 जुलाई को मुख्य अभियंता एके द्विवेदी को इस सड़क का निर्माण अधोमानक पाए जाने की जानकारी दी और कार्य अस्वीकृत करने का आग्रह किया। लेकिन, इसके बाद मामले को अफसर दबाने में जुट गए। इतना ही नहीं इस मामले में सड़क निर्माण पूर्ण दिखाकर ठेका फर्म की जमानत धनराशि भी वापस कर दी गई है।

वरुणा-जंघई मार्ग के नवीनीकरण में गड़बड़ी पाए जाने पर कार्य अस्वीकृत करने के लिए पत्र लिखा गया है। लेकिन, ठेका फर्म को एक और अवसर भी दिया गया है, ताकि वह गलतियां सुधार ले। - एनके शर्मा, अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड-तीन।

काम अधोमानक और अपूर्ण पाए जाने पर एसई को अनुबंध अस्वीकृत कर देना चाहिए। इस मामले में मुझे रिपोर्ट भेजने की बजाय कार्रवाई की जानी चाहिए थी। इस प्रकरण से जुड़ी पत्रावली देखने के बाद कदम उठाया जाएगा। - एके द्विवेदी , मुख्य अभियंता।

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