मिर्जापुर (राजेश सिंह)। विंध्य काॅरिडोर के भवन आदि बनकर तैयार होने के बावजूद अभी तक कई सुविधाएं शुरू भी नहीं हो पाई हैं कि परिक्रमा पथ में लगी फाॅल सीलिंग गिरने लगी है। कहीं फर्श पर उसके टुकड़े तो छत पर कई स्थान पर खाली नजर आ रहे हैं। इससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं। इससे दर्शनार्थियों के घायल होने का खतरा भी बना हुआ है।
विंध्याचल मंदिर को भव्य रूप देने साथ ही सुविधा संपन्न बनाने के लिए विंध्य काॅरिडोर का निर्माण किया गया है। प्रथम फेज का काम पूरा हो चुका है। करीब 331 करोड़ की लागत से परिक्रमा पथ, परकोटा, चार प्रमुख मार्गों पर प्रवेश द्वार, इंट्रेंस प्लाजा आदि के निर्माण हो चुके हैं।
परिक्रमा पथ पर बने भवन के प्रथम तल को खूबसूरत बनाने के लिए भव्य फॉल सीलिंग लगाई गई है। अब स्थिति यह है कि कई जगह फाॅल सीलिंग का हिस्सा गिर गया है। मुंडन व यज्ञोपवीत स्थल, ब्राह्मण एवं अन्य भक्तों के लिए बने आराधना स्थल की फाॅल सीलिंग का बड़ा हिस्सा गिर चुका है।
लिफ्ट के पास भी इसी तरह का दृश्य है। मंदिर के चारों तरफ प्रथम तल पर फाॅल सीलिंग में खाली स्थान और जगह-जगह उसके टुकड़े बिखरे नजर आ रहे हैं। ऐसे में जहां एक तरफ गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं, वहीं काॅरिडोर के आकर्षण पर भी बट्टा लगा रहा है।
उच्च क्षमता के कैमरों के बावजूद है यह हाल
पूरे कॉरिडोर परिसर में उच्च क्षमता के कैमरे लगे हैं। इसके बावजूद फाॅल सीलिंग गिरने की समस्या का न तो संज्ञान लिया जा रहा है और न ही इसको लेकर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। चर्चा है कि बंदरों के उत्पात के चलते ऐसा हो रहा है। फिर भी इसको लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही है। ऐसे में किसी दिन दर्शनार्थियों के घायल होने का भी खतरा है।
अभी तक चालू नहीं हो सकी लिफ्ट
विंध्य कारिडोर परिसर में लगी लिफ्ट अभी तक चालू नहीं हो सकी है, जबकि इंस्टालेशन, टेस्टिंग का काम पूरा हो चुका है। नवरात्र से पहले ही यह काम होने का दावा किया जा रहा था, परंतु अभी तक श्रद्धालुओं काे इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर वीरेंद्र कुमार की माने तो विंध्य कॉरिडोर के जो भी काम पूरे हो चुके हैं, उसे पर्यटन विभाग को हैंडओवर कर दिया गया है। अब उसके मेंटनेंस की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की है। फाॅल सीलिंग क्षतिग्रस्त होने के कारणों की जांच सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से की जाएगी।