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प्रयागराज में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज पर गरमाई राजनीति; अखिलेश ने भाजपा को घेरा

SV News

अखिलेश ने कहा- नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं

छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना को अखिलेश यादव ने बताया निंदनीय

छात्रों के लिए नौकरी भाजपा के एजेंडे में नहीं: अखिलेश यादव 

प्रयागराज में छात्रों पर पुलिस ने किया था लाठीचार्ज

प्रयागराज (राजेश सिंह)। 'युवा कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा...'। ये टिप्पणी की है सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने। उन्होंने प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना को निंदनीय बताया है और भाजपा सरकार को घेरा है। 
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'युवा विरोधी भाजपा का छात्राओं और छात्रों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय कृत्य है। इलाहाबाद में UPPSC में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने जो जब मांग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी। हम फिर दोहराते हैं : नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। हम युवाओं के साथ हैं।' बता दें कि छात्र PCS और RO/ARO परीक्षा को एक ही दिन कराने की मांग कर रहे हैं।

अखिलेश ने आगे लिखा, 'अब हर हाथ में तिरंगा लहराएगा!, भाजपा का ज़ुल्म सहा न जाएगा!'।

बता दें कि प्रयागराज में UPPCS कार्यालय के सामने हजारों छात्रों का प्रदर्शन चल रहा है। इस बीच पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया था। 
यूपीपीएससी ने पीसीएस-2024 प्रारंभिक और आरओ-एआरओ-2024 प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन कराने का निर्णय लिया है। प्रतियोगी छात्र इसी निर्णय का विरोध कर रहे हैं। सोमवार की सुबह सैकड़ों प्रतियोगी आयोग के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। वह दो के बजाय परीक्षा एक दिन कराने की मांग कर रहे हैं।
आयोग कार्यालय के सामने करीब हजारों छात्रों का प्रदर्शन चल रहा है। छात्रों की भारी संख्या को देखते हुए मौके पर पुलिस, पीएसी के साथ आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया है। फिर भी हालात बेकाबू हो गए हैं।विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर है। छात्र सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। उनके हाथों में बैनर भी हैं।
सोमवार दोपहर तक आयोग जाने वाले रास्ते को ब्लॉक करके आवागमन रोक दिया गया। वहीं, छात्र बैरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़ गए। इसी समय छात्रों की पुलिस को झड़प हो गई और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। 
बता दें कि लोकसेवा आयोग की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा सात और आठ दिसंबर और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 22 व 23 दिसंबर को प्रस्तावित है। इस दो दिवसीय परीक्षा के निर्णय और नार्मलाइजेशन लागू करने के विरोध में छात्र आंदोलन कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि जब तक आयोग एक दिवसीय परीक्षा कराने का नोटिस नहीं निकालता है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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