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गंगा और यमुना के सात घाटों का हो रहा कायाकल्प, 11 करोड़ रुपये की आ रही लागत

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। महाकुंभ में गंगा और यमुना नदी के सात घाटों को नव्य स्वरूप दिया जा रहा है। 11 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से इन घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है। दरअसल, महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र गंगा और यमुना के घाट होते हैं। यहां गंगा और यमुना की पावन धारा में श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन की तरफ से गंगा और यमुना नदी के इन सात घाटों को नव्य स्वरूप प्रदान किया जा रहा है।
प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राणा ने बताया कि 11.01 करोड़ की लागत से घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गंगा व यमुना नदी के जिन घाटों का कायाकल्प किया गया है, उनमें बलुआ घाट, कालीघाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट झूंसी, नागेश्वर घाट झूंसी, मौज गिरी घाट और पुराना अरैल घाट शामिल हैं।
इन घाटों में मौजगिरी घाट का 90 फ़ीसदी, नागेश्वर घाट का 85 फ़ीसदी, छतनाग घाट का 90 फ़ीसदी, रसूलाबाद घाट का 80 फीसदी, बलुआ घाट का 80 फीसदी, पुराना अरैल घाट का 93 फ़ीसदी और कालीघाट का 85 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। 30 नवंबर के पहले सभी घाटों का सौंदर्यीकरण और सुविधा विस्तार का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
घाटों को सुदंर और स्वच्छ बनाने के लिए हरित पट्टी को विकसित किया जा रहा है। साथ ही इन घाटों पर छतरी, हाईमास्ट, पेयजल आदि की व्यवस्था की जा रही है। स्वच्छ पानी के लिए आरओ लगाया गया है, जबकि सचल टॉयलेट और चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गयी है। इसी तरह बैठने के लिए बेंच की भी व्यवस्था की जा रही है।

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