Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

183 करोड़ अमेरिका से भारत आए, मोदी से मिलने के बाद मस्क ने क्यों ले लिया बड़ा एक्शन

sv news

नई दिल्ली। हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? मैं भारत औरउनके  प्रधानमंत्री का बहुत सम्मान करता हूं। लेकिन हम भारत को मतदान बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? 19 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे हिसाब से भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में से एक है। उसकी अर्थव्यवस्था भी तेजी से बढ़ रही है। इसीलिए उसे 21 मिलियन डॉलर की क्या जरूरत है। अमेरिका भारत को 21 मिलियन डॉलर इसलिए देता था ताकी देश के चुनावों में मतदाता की भागीदारी बढ़ाई जा सके। अब इसी में कटौती की बात की जा रही है। अमेरिकी सरकार में एक नया विभाग बनाया गया है। डिपार्टमेंट ऑफ गर्वनमेंट इफीसिएंसी यानी डीओजीई जिसका मुख्य उद्देश्य अमेरिकी सरकार के मुख्य खर्चों में कटौती करना है। जब डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आए तो उन्होंने ये विभाग बनाया और टेस्ला व स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क को कमान दे दिया। अब इस डीओजीई ने 16 फरवरी को एक फैसला लिया। चुनाव और राजनीतिक प्रक्रिया सुदृढ़ीकरण संघ (सीईपीपीएस) को जो 21 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया गया है उसे रद्द किया जाता है। सीईपीपीएस एक गैर लाभकारी संस्था है। खबरों के अनुसार इस पैसे का इस्तेमाल भारत में चुनाव के दौरान वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए किया गया था। 21 मिलियन डॉलर यानी भारतीय लिहाज से देखें तो 183.76करोड़ रुपए होते हैं। 

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की हालिया यात्रा पर गए तो ट्रंप के साथ मुलाकात में दिखी। दोनों पहले से अच्छे दोस्त हैं और यात्रा के दौरान दोनों ने एक दूसरे की जमकर तारीफ भी की। दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद डॉनल्ड ट्रंप ने दुनिया के साथ व्यापार युद्ध छेड़ दिया है, लेकिन भारत को इससे कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ है। अमेरिका में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सत्ता में दोबारा आने के बाद शुरू हुई खर्च कम करने की आंतरिक मुहिम से जुड़ा एक कदम कैसे भारत की घरेलू राजनीति में एक नए विवाद का कारण बन गया है। एलन मस्क की अगुआई वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) की ताजा घोषणा अमेरिकी टैक्सपेयर्स का पैसा श्फालतू मदोश् में बर्बाद होने से बचाने का दावा करती है, लेकिन अपने देश में चर्चा यह हो रही है कि इस रकम का एक हिस्सा भारतीय लोकतंत्र में विदेशी दखलंदाजी सुनिश्चित करने वाला था।

अमेरिकी सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय और बीजेपी के पूर्व सांसद राजीव चंद्रशेखर ने इस कदम को भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप बताया। अमित मालवीय ने कांग्रेस पार्टी और जॉर्ज सोरोस पर भारतीय चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि भारत में वोटिंग टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर ये निश्वचित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है। इससे किसे फायदा होता है। सत्ताधारी पार्टी को तो नहीं? वहीं राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि लोकतंत्र में हस्तक्षेप का पक्का सबूत। ये चौंकाने वाला है कि एक ओर लोकतांत्रकि मूल्यों पर चर्चा हो रही है और दूसरी ओर लोकतांत्रिक देशों को कमजोर किया जा रहा है। हमें भारत में इस पैसे के उपयोग की पूरी जांच करनी चाहिए। 

वैसे, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वास्तव में कोई भुगतान हुआ है। मस्क ने भी सोशल मीडिया एक्स (पहले ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में यही बताया कि जो आवंटित राशि थी, उसकी फंडिंग रोक दी गई है। लेकिन चर्चा में वह हमति पत्र (एमओयू) है, जिस पर यूपीए के शासनकाल के हान 2012 में हस्ताक्षर हुए थे।

तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई शी ने हालांकि एमओयू की पुष्टि की, लेकिन एक पैसे के भी लेनदेन से स्पष्ट इनकार किया। ऐसे में यह सवाल बचा रह जाता है कि अगर वाकई उस कार्यक्रम के तहत भारत में पैसे भेजे गए थे तो किस तरह से, किन लोगों को भेजे गए और उन पैसों का आखिर किस रूप में इस्तेमाल हुआ। 

अमेरिकी की यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट एजेंसी पूरी दुनिया में डेवलपमेंट कार्यों के लिए मदद देती है। इस मकसद लोकतंत्र को बढ़ावा देना और गरीबी कम करना है। इसके साथ ही यह स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, रोजगार जुड़े कई प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग देती है। इसे अमेरिकी संसद से पैसा मिलता है, जिसे ये अलग प्रोग्राम के लिए इस्तेमाल करती है। यह हेल्थ, एजुकेशन, आर्थिक विकास, लोकतंत्र और गवर्नेस और डिजास्टर मैनेजमेंट में मदद करती है। 100 देशों में लगभग न्ै।प्क् काम करती है, जिनमें अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और मिडिल ईस्ट प्रमुख हैं। इसका मकसद अमेरिकी विदेश नीति को आगे बढ़ाना और दुनिया भर के अलग अलग संकट से जूझना है।

إرسال تعليق

0 تعليقات

Top Post Ad