एएनआई, गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर असम में हैं। उन्होंने आज असम की राजधानी गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 समिट का उद्घाटन किया। यह समिट दो दिनों तक चलेगी। इस समिट में 60 से अधिक देशों के राजदूत शिरकत करेंगे।
उन्होंने समिट में कहा, आज पूर्वी भारत और नॉर्थ ईस्ट की धरती एक नए भविष्य की शुरुआत करने जा रही है। एडवांटेज असम, राज्य के सामर्थ्य और प्रगति से पूरी दुनिया को जोड़ने का एक बहुत बड़ा अभियान है। इतिहास गवाह है कि पहले भी पूर्वी भारत देश की समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाता था।
उन्होंने कहा कि आज जब भारत विकास की ओर बढ़ रहा है, तो एक बार फिर पूर्वी भारत सबसे आगे है। हमारा नॉर्थ ईस्ट अपना सामर्थ्य दिखाने जा रहा है। मैं एडवांटेज असम को इसी भावना का प्रतिनिधित्व मानता हूं। मैं इस भव्य आयोजन के लिए असम सरकार और हिमंत जी की पूरी टीम को बधाई देता हूं। मुझे याद है कि 2013 में मैं चुनाव प्रचार के लिए असम का दौरा कर रहा था। एक मीटिंग में मेरे मन में एक वाक्य आया और मैंने कहा कि वो दिन दूर नहीं है जब मैं वर्णमाला पढ़ रहा हूं, तो बोलो । फॉर असम।
प्रधानमंत्री ने नॉर्थ ईस्ट की महत्वता पर जोर देते हुए कहा कि पूर्वी भारत और पूर्वाेत्तर की भूमि आज एक नए भविष्य की शुरुआत करने जा रही है। एडवांटेज असम पूरी दुनिया को असम की संभावनाओं और प्रगति से जोड़ने का एक महाअभियान है।
उन्होंने आगे कहा कि इतिहास गवाह है कि सबसे पहले भारत की समृद्धि में पूर्वी भारत का बहुत बड़ा रोल हुआ था। आज जब भारत विकसित होने की तरफ बढ़ रहा है, तो एक बार फिर हमारा ये नॉर्थईस्ट अपनी साख बढ़ाने जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि असम में 2009 से 2014 के बीच रेल बजट औसतन 2,100 करोड़ रुपये प्रति मील था। हमारी सरकार ने असम के रेलवे बजट को चार गुना बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये पहुंचाया है।
इस समिट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने भी शिरकत किया। उन्होंने कहा, असम चाय की लोकप्रियता के कारण, अब तक असम को चाय के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है। आने वाले वर्षों और दशकों में, मुझे यकीन है कि असम को दुनिया एक तकनीकी स्वर्ग के रूप में भी जानती होगी। असम के तकनीक-प्रेमी युवा आने वाले दशकों में एआई को एक नया अर्थ देंगे। एआई का मतलब केवल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नहीं होगा, बल्कि इसका मतलब असम इंटेलिजेंस भी होगा।