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केजीएफ की एक्‍ट्रेस श्रीनिधि शेट्टी संगम में लगाई डुबकी

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कुंभनगर (राजेश शुक्ल/राजेश सिंह)। साउथ की ब्लॉकबस्टर फिल्म श्केजीएफश् की अभिनेत्री श्रीनिधि शेट्टी भी महाकुंभ पहुंचीं। संगम में डुबकी लगाई, पूजा की, रेती पर पैदल चलीं, टेंट सिटी में रहीं और आध्यात्मिक अनुभूति लेकर वापस लौट गईं। अपने पिता के साथ आईं श्रीनिधि काले रंग का कपड़े में पहुंची थीं। पहचान छिपाने के लिए चेहरे पर मास्क लगाए रखा। उन्होंने महाकुंभ के अनुभव को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो के रूप में साझा किया है। वह अपनी पोस्ट में लिखती हैं कि श्मैंने कभी नहीं सोचा था कि त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाऊंगी, वो भी मौनी अमावस्या के दिन। मुझे ईश्वरी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। हर हर गंगेश्।

सोशल मीड‍िया पर वीड‍ियो वायरल

यह वीडियो मौनी अमावस्या का है जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। नैनी के पुराने पुल तक को अपने वीडियो में समेटे श्रीनिधि अपने वीडियो में टेंट सिटी में आराम करते, पीठ पर बैग टांगकर घूमते, नौका विहार करते दिखीं। उनके स्विस कॉटेज का फोटो और वीडियो इंस्टा पर मौजूद है। श्रीनिधि शेट्टी पिता रमेश शेट्टी के साथ पैदल चलते हुए कई बार सेल्फी लेती हैं। एक मिनट 30 सेकेंड इस वीडियो में श्रीनिधि के माथे पर त्रिपुंड बहुत ही सुंदर लग रहा है। वह अपनी दूसरी पोस्ट में लिखती हैं कि श्सचमुच ऐसा महसूस हो रहा है मानो प्रयाग ने मुझे बुलाया हो। क्योंकि शुरू में मेरे पास कोई विचार या योजना नहीं थी, मैं काम में व्यस्त थी और फिर एक चीज से दूसरी चीज हो गई। मैंने फ्लाइट बुक की और एक बैकपैक लिया। मेरे पिताजी खुशी-खुशी मेरी सभी अंतिम मिनट की योजनाओं पर काम कर रहे थे, लेकिन यह वास्तव में कई जन्मों में एक बार होता था, इसलिए कोई सवाल नहीं पूछा गया। एक अनुभव और एक स्मृति जो जीवन भर के लिए बनी रहेगी। दिव्य कृपा से दिल भर आया...।

संगम में प्रतिदिन औसतन 1.44 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

विश्व के सबसे बड़े धार्मिक सांस्कृतिक समागम महाकुंभ ने दुनिया को चकित कर रखा है। विश्व के बड़े धार्मिक आयोजनों में यह अपनी विशेष पहचान बना चुका है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में बीते 30 दिनों में आस्था का अटूट रेला उमड़ा। पौष पूर्णिमा 13 जनवरी से भले ही महाकुंभ का श्रीगणेश हुआ मगर 10 जनवरी से ही संतों, कल्पवासियों, संस्थाओं से जुड़े लोगों की भारी भीड़ आने लगी थी। प्रतिदिन महाकुंभ में श्रद्धा भाव से पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन करें तो औसतन 1.44 करोड़ लोग हर संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं।

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