लखनऊ। मैरिज लॉन में उत्पात मचाने वाला तेंदुआ सात घंटे की मशक्कत के बाद पकड़ा गया। इसे दुधवा में छोड़ा गया है। इसके उत्पात से शादी में दहशत फैली थी। बाघ रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी डॉक्टरों की टीम ने तेंदुआ को टैंकुलाइज किया। पारा के बुद्वेश्वर स्थित मैरिज लॉन में पहुंचने से दहशत फैली थी।
राजधानी लखनऊ में पारा इलाके के बुद्वेश्वर स्थित मैरिज लॉन में बुधवार की रात उत्पात मचाने वाले तेंदुआ को वन विभाग के विशेषज्ञों की टीम ने सात घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ने में कामयाबी पाई। इसके बाद तेंदुआ को विभागीय कार्यालय ले जाया गया। वहां डॉक्टरों के स्तर से उसकी जांच होने के बाद बृ़हस्पतिवार की दोपहर उसे लखीमपुर खीरी जिले में दुधवा नेशनल पार्क में छोड़ने के लिए भेज दिया गया।
वन विभाग की माने तो तेंदुआ की उम्र करीब सात से आठ साल है। नर तेंदुआ करीब 90 किलो वजन है। डॉक्टरों ने तेंदुआ को तीन डॉट लगाया इसके बाद वह टैंकुलाइज हो सका। तेंदुआ पकड़ने के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। तेन्दुआ को दुधवा टाइगर रिजर्व पलिया खीरी के दक्षिण सोनारीपुर रेंज के प्राकृतवास में छोड़ा गया है। तेंदुआ की वजह दो वन दरोगा समेत पांच लोग घायल भी हुए है। मैरिज लॉन में चल रहे विवाह समारोह में अचानक तेंदुआ पहुंचने से करीब सात घंटे तक अफरा तफरी मची रही। मौके पर पहुंची वन विभाग व पुलिस ने जल्दी से वर वधु व बारातियों को सुरक्षित स्थान पर भेजा। तेंदुए की मौजूदगी से लान खाली कराया गया लोगो को जाने को भी कहा गया कि सुरक्षा के लिए यहां से हट जाये। करीब 10 बजे से लॉन में वन विभाग ने पुलिस की मदद से तेंदुए के रेस्क्यू का ऑपरेशन शुरू किया। भारी मशक्कत के बाद करीब सात घंटे बाद तेंदुआ पकड़ा गया। जिसके बाद बाराती व जनातियों ने राहत की सांस ली।
तेंदुआ पकड़ने के लिए बधवार रात ही वन विभाग के अफसरों ने बाघ रेस्क्यू के लिए रहमानखेड़ा जंगल में सक्रिय डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया। इसके बाद पहुंचे डॉक्टरों ने कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुआ को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। तेंदुआ पकड़ने के लिए ट्रैकुलाइज करने वाली गन से कानपुर प्राणी उद्यान के डॉ नीतीश कटियार ने तीन डॉट मारी इसके बाद तेंदुआ को बेहोश किया जा सका। बृहस्पतिवार को वन विभाग कार्यालय में तेंदुआ के स्वास्थ्य की जांच डॉक्टरों की टीम ने की। जांच रिपोर्ट में जब तेंदुआ पूरी तरह से स्वस्थ्य बताया गया तो उसे दुधवा नेशनल पार्क छोड़ने ले जाने की अनमति दी गई।
विवाह समारोह के लॉन में तेंदुआ पहुंचने की सूचना पर उसके रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मौके पर डॉ रेनू सिंह अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, लखनऊ भी बुधवार रात को पहुंची। इसके बाद डीएफओ सितांशु पांडेय व चन्दन चौधरी उप प्रभागीय वनाधिकारी, मोहनलालगंज, डॉ आरके सिंह, डॉ नीतीश कटियार, डॉ दयाशंकर सहित लखनऊ रेंज की टीम, मलिहाबाद रेंज की टीम व हरदोई रेंज की टीम, 02 थर्मल ड्रोन आपरेटर सहित खाभड़, ट्रांसपोर्टेशन केज, व प्रोटेक्टिव किट व अन्य आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचे।
डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि मौके पर पहुंचते ही सबसे पहला कदम लॉन में मौजूद सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। वन विभाग व पुलिस प्रशासन द्वारा लॉन को तत्काल खाली करवाया गया और वहां उपस्थिति लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। प्रारंभिक जॉच में दो थर्मल ड्रोन के माध्यम से पूरे एरिया की मॉनीटिरिंग की गयी, जिसमें तेन्दुआ वन्य जीव होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद उसे पकड़ा जा सका।
ड्रोन के सहारे तेंदुआ पकड़ने में मिली कामयाबी
तेंदुआ पकड़ने में जुटी वन विभाग टीम को रात करीब 11 बजे यह जानकारी मिली कि तेन्दुआ लॉन के दूसरे तल पर स्थित स्टोर रूम के दरवाजे के पास स्थित दीवार से सटा हुआ बैठा है। इसके बाद थर्मल ड्रोन के माध्यम से तेन्दुआ की लोकेशन पता कर पूरे लॉन को लगभग 200 फिट खाभड़ से कवर किया गया।
इसके बाद उच्चाधिकारियों की अनुमति के बाद डॉक्टर्स की टीम को तेन्दुआ को ट्रैकुलाइज कर रेस्क्यू करने के लिए लॉन के अन्दर भेजा गया। इसके बाद लॉन के दूसरे तल पर स्थित स्टोर रूम के दरवाजे के पास दीवार से सटा हुआ तेन्दुआ बैठा पाया गया। इस पर डॉक्टर्स द्वारा स्टोर रूम का दरवाजा खोलकर तेन्दुआ सुरक्षित रूप से ट्रैकुलाइजह किया गया। मैरिज लॉन में तेंदुआ पहुंचने से उसे पकड़ने के दौरान वन दरोगा मुकद्दस घायल हुए वहीं दूसरे वन दरोगा राजकुमार को भी छत से गिरने की वजह से चोट पहुंची है। इसी तरह वीडियो ग्राफर शरद व लॉन के कर्मचारी दीपक भी घायल हो गया। जबकि एक अन्य युवक को भी मामूली चोट पहुंची लेकिन वह बिना इलाज कराए ही निकल गया।
रात दो बजे के बाद तेंदुआ ऑपरेशन में कब क्या हुआ-
वन विभाग ने 2 बजकर 50 के लगभग तेंदुआ को ट्रैकुलाइज गन से पहली डाट लगाई गर्दन में।
2 बजकर 52 मिनट पर दूसरी डॉट लगाई पैर में जिसके बाद चहल कदमी कर तेंदुआ ने लॉन के अगले हिस्से से कूदने का प्रयास किया लेकिन खाबड़ लगे होने के चलते वापस हो गया।
2 बजकर 54 मिनट पर तीसरी डॉट मारी पैर में जिसके बाद दो मिनट बाद बेहोश होकर तेंदुआ नीचे गिर गया।
तीन बजकर 10 मिनट पर स्टेचर पर रखकर तेंदुआ को वन विभाग की टीम जीने के रासते छत से नीचे लेकर पहुंची।
ट्रैकर ट्राली पर रखे पिंजरे में तेंदुआ को कैद कर 3 बजकर 17 मिनट पर टीम लॉन से निकली
वन विभाग टीम तेंदुआ को लेकर तीन बजकर 30 मिनट पर अवध वन प्राभाग लखनऊ रेंज ऑफिस दुबग्गा पहुंची।
बृहस्पतिवार दोपहर दो बजकर 10 मिनट पर तेंदुआ को अवध वन प्रभाग लखनऊ रेंज से पिकअप डाला से दुधवा नेशनल पार्क छोड़ने ले जाया गया।