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मणिपुरः राज्यपाल की अपील के बाद लूटे गए हथियार लौटा रहे हैं लोग

 

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 आइएएनएस, इंफाल। मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला की अपील के बाद राज्य के चूड़चंदपुर जिले के टुइबोंग गांव में 16 उन्नत हथियार और बड़ी मात्रा में गोलाबारूद लौटाए गए हैं। राज्यपाल ने लूटे गए हथियार और गोलियां लौटाने की अपील की थी।

समुदाय के नेताओं को सुरक्षा का भरोसा

रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि राज्यपाल की अपील के बाद असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस, सीआरपीएफ, राज्य की गुप्तचर एजेंसियां और नागरिक प्रशासन स्थानीय कुकी-जो समुदाय के नेताओं के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। समुदाय के नेताओं को उनकी सुरक्षा चिंताओं का समाधान, सुरक्षा उपलब्ध कराने का भरोसा दिया जा रहा है।

अधिकारी ने कहा कि समुदाय के नेताओं ने स्वैच्छिक रूप से बड़ी संख्या में हथियार और गोलियां सौंप दी हैं। यह शांति कायम करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

हथियार और गोलियां के साथ पांच आइईडी बरामद

मणिपुर के इंफाल पश्चिमी जिले में इबुडोउ कोउब्रु लैबंग (मंदिर) क्षेत्र से सुरक्षा बलों ने मैगजीन के साथ एक प्वाइंट 303 राइफल और 10 जीवित राउंड, मैगजीन के साथ एक सीमएजी और 10 जीवित और छह मिसफायर राउंड गोलियां जब्त की हैं। सुरक्षा बलों ने घाटी जिलों के पहाड़ी और नाजुक क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाया। एक अन्य तलाशी अभियान में टेंगनौपाल जिले के एच मुन्नोम गांव में पुलिस को पांच आइईडी मिली।

छह उग्रवादी, दो लोग फिरौती वसूलने के लिए गिरफ्तार

मणिपुर के इंफाल पश्चिमी जिले में प्रतिबंधित संगठन के छह उग्रवादी और इंफाल पूर्वी में फिरौती वसूलने में संलिप्त एक समूह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। छहों उग्रवादी कांग्लेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी (इबुंगो नगानगोम) के सदस्य हैं। पुलिस ने इंफाल पूर्वी जिले में बालू लदे ट्रक से फिरौती वसूलने में संलिप्त जी5 संगठन के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

9 फरवरी को सीएम ने दिया था इस्तीफा

बता दें कि मणिपुर में पिछले 2 साल से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। मणिपुर में नेतृत्व संकट के बीच कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी।

संविधान के अनुसार, विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा अवधि नहीं होनी चाहिए। 12वीं मणिपुर विधानसभा का पिछला सत्र 12 अगस्त 2024 को संपन्न हुआ था, जबकि 10 फरवरी से शुरू होने वाले सातवें सत्र को राज्यपाल स्थगित कर चुके हैं।

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