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बेटे ने लिया मां की हार का बदला! अरविंद केजरीवाल की बड़ी हार की वजह बने संदीप दीक्षित?

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को आ गए। अभी तक के परिणामों के अनुसार बीजेपी ने 40 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और 8 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, आम आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर जीत दर्ज करते नजर आ रही है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा नई दिल्ली विधानसभा सीटी की हो रही है। यहां पर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भाजपा के प्रवेश वर्मा ने शिकस्त दी है। प्रवेश वर्मा ने 4089 वोटों से अरविंद केजरीवाल को हराया है। इन सब के बीच एक कहानी यह भी है कि जितने वोट से केजरीवाल हारे हैं, उसके करीब वोट पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस प्रत्याशी संदीप दीक्षित ने हासिल किए और तीसरे स्थान पर रहे। माना जा रहा है कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल की हार में बड़ी भूमिका निभाई।

साल 2025 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सत्ता में शानदार वापसी की है। अब 12 साल बाद अरविंद केजरीवाल इस सीट से हार गए हैं। लेकिन आंकड़ों में एक और कहानी सामने आ रही है। अरविंद केजरीवाल बीजेपी के प्रवेश वर्मा से 4,089 वोटों के अंतर से हार गए हैं। उधर, कांग्रेस के संदीप दीक्षित 4,568 वोट जीतने में कामयाब रहे और तीसरे स्थान पर रहे। अगर आप और केजरीवाल ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा होता तो केजरीवाल को मामूली जीत मिल सकती थी। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। इसके साथ अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो एक और कहानी सामने आती है। साल 2020 के लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के प्रत्याशी सुनील यादव को 21,000 वोटों से हराया था और नई दिल्ली सीट को जीता था। वहीं, उस चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रोमेश सभरवाल को तब 3,220 वोट मिले थे।

कभी शीला दीक्षित को हरा केजरीवाल ने की थी एंट्री

बता दें कि दिल्ली की राजनीति में नई सीट का अपना एक महत्व है। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 1998 और 2003 में गोल मार्केट कहलाने वाली सीट जीती थीं। परिसीमन के बाद इस सीट का नाम नई दिल्ली हो गया और 2008 में शीला दीक्षित ने इसे जीत लिया। वहीं, 2013 के चुनावों में अरविंद केजरीवाल चुनावी मैदान में कूद पड़े। इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के बाद लोकप्रियता के शिखर पर सवार होकर आप नेता ने तीन बार की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को हराकर प्रभावी रूप से उनके राजनीतिक करियर को खत्म कर दिया और एक बड़ी जीत के रूप में उभरे। आप की 2013 की जीत ने कांग्रेस को भी सत्ता से बाहर कर दिया।

आप के खिलाफ कांग्रेस नेता का अभियान

बता दें कि इस विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के प्रत्याशी संदीप दीक्षित ने आप नेता के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया था और कहा था कि कांग्रेस को दिल्ली सरकार की विफलताओं को उठाना चाहिए। उनके लिए प्रचार करने वाली उनकी बहन लतिका ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी के विकास में अपनी अहम भूमिका के कारण शीला दीक्षित दिल्ली के लोगों के दिलों में बसी हुई हैं। सबसे खास बात है कि प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे भी हैं। भाजपा के दिग्गज नेता साहिब सिंह वर्मा फरवरी 1996 से अक्टूबर 1998 तक राष्ट्रीय राजधानी के मुख्यमंत्री रहे और शीर्ष पद पर भाजपा के मदन लाल खुराना के उत्तराधिकारी बने।

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