कुंभ नगर (राजेश सिंह)। महाकुंभ नगर के सेक्टर-9 (निकट कलश द्वार) में आयोजित 05 दिवसीय विराट किसान मेला-2025 के चतुर्थ दिवस पर कृषकों को जागरूक करने के उद्देश्य से विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान 500 से अधिक कृषकों, स्टाल संचालकों एवं कृषि विभाग के सभी अनुभागों के अधिकारियों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम में डा. मीनाक्षी सक्सेना, गृह वैज्ञानिक, केवीके कौशाम्बी ने श्रीअन्न (मिलेट्स) की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, ककुनी एवं कोदो जैसे मोटे अनाज पोषण से भरपूर होते हैं और इनके सेवन से स्वास्थ्य लाभ होता है। उन्होंने बताया कि श्रीअन्न में चावल व गेहूं की तुलना में 5 गुना अधिक पोषक तत्व होते हैं तथा फाइबर की मात्रा 2 से 12 प्रतिशत तक होती है, जो शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है। इनके सेवन से कैंसर और किडनी रोग जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है।
डा. शिवेन्द्र प्रताप सोनकर, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र जौनपुर ने मृदा स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देते हुए किसानों को सलाह दी कि खेतों में अंधाधुंध उर्वरकों का प्रयोग न करें, बल्कि पहले मृदा परीक्षण कराएं। उन्होंने फसल अवशेषों को जलाने की बजाय बायोवेस्ट डिकम्पोजर से अपघटित करने की विधि अपनाने का सुझाव दिया, जिससे मृदा की उर्वरता बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने किसानों को विविधीकृत खेती अपनाने की सलाह देते हुए सूरन, हल्दी और ड्रैगन फ्रूट जैसी फसलों की ओर भी ध्यान देने का सुझाव दिया।
डा. अजय कुमार, वैज्ञानिक, शुआट्स निदेशालय, नैनी, प्रयागराज ने खेतों की कमजोर होती मिट्टी की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मिट्टी में आवश्यक जीवांश कार्बन की मात्रा घटकर 0.3 प्रतिशत तक रह गई है, जबकि यह 0.8 प्रतिशत होनी चाहिए। उन्होंने किसानों को बीजामृत, घनजीवामृत एवं जीवामृत जैसी जैविक विधियों से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की सलाह दी।
कार्यक्रम के अंत में सभी कृषकों, अधिकारियों, स्टाल संचालकों एवं मीडिया कर्मियों का आभार व्यक्त करते हुए सत्र का समापन किया गया।