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महाकुंभ में पहली बार गंगा की लहरों पर ’योग’

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कुंभ नगर (राजेश शुक्ल)।  तीन धाराओं में बंटी हुई गंगा। दूर तक फैली तट रेखा। चमचमाती जल तरंग और रेत के बीच साउंड सिस्टम पर कैलाश खेर की आवाज गूंजी....ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता, जगत चेतना हूं, अनादि अनंता...।

जूड़े और कलाई पर पीत पुष्प। तन पर श्वेत, भगवा वस्त्र धारण किए आठ योगा प्रशिक्षु वीरभद्र आसान के साथ शंखनाद करती हैं। साथ ही जल धारा में प्रवेश करती हैं विश्व जल योग रिकार्डधारी रोमा हेमवानी। तालियों से अभिनंदन के साथ प्लावनी मुद्रा में वह जल तरंगों पर स्वयं को समर्पित कर देती हैं।

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पहली बार गंगा की लहरों पर योग

दोपहर में छात्राएं चंद्रसान की मुद्रा में स्वयं को बदलती हैं तो रोमा वृक्षासन पर जल तरंगों पर तैरती हुई आगे बढ़ती हैं। अगले क्षण रोमा ताड़ासन शुरू करती हैं है तो चंद्राकार मुद्रा से छात्राएं नटराज आसन। भारतीय योग परंपरा, अध्यात्म की ऊर्जा और कैलाश के स्वर में गूंजता गीत यह अद्भुत दृश्य है, यह महाकुंभ है। पहली बार सेक्टर नौ में गंगा की लहरों पर योग हुआ।

लखनऊ विश्वविद्यालय फैकल्टी आफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन योग विभाग द्वारा गंगा की लहरों पर शिव स्तुति, योग नृत्य, योग संवाद, कुंभ कलश थीम, लघु योग नृत्य नाटिका का आयोजन हुआ। संकाय के कोआर्डिनेटर डा. अमरजीत यादव ने बताया कि जल में योगाभ्यास करने से डिप्रेशन और उच्च रक्तचाप में विशेष लाभ होता है। जल योग करने से शरीर में ताजगी और लचीलापन आता है।

दिमाग की क्रिया शक्ति सक्रिय होती है। कार्यक्रम में विभाग की छात्राएं यथा प्रीति, अंकिता गौतम, सुष्मिता सिंह, खुशबू गौतम, सबिता रंजन, नम्रता मिश्रा, प्रियांशी, रुचि धवन ने कुंभ थीम नृत्य प्रस्तुत किया। छात्रा मधु त्रिपाठी ने जल में शिव स्तुति की। रोमा की शानदार प्रस्तुति पर पति कन्हैया हेमवानी व बेटे रचित चंदन ने तालियां बजाकर उत्साह बढ़ाया। इस दौरान योग विभाग के शिक्षक डा. उमेश कुमार शुक्ला, डा. सुधीर मिश्रा, डा. रामकिशोर, शोभित सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।


जल योग से क्या है लाभ

जल योग में लगातार एक घंटा 21 मिनट का विश्व रिकार्ड बनाने वाली रोमा हेमवानी बताती हैं कि जल योग का अद्वितीय लाभ है। जल में वृक्षासन करने से वजन व तनाव घटता है। जल में ताड़ासन से चिड़चिड़ापन खत्म होगा, शरीर में अधिक एसिड नहीं बनेगा। गरुड़ासन करने से एकाग्रता बढे़गी। प्राणायाम करने से मन और रक्त की शुद्धि होती है।

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उनका कहना है कि अनुलोम विलोम के अभ्यास से दोगुना लाभ मिलेगा। शरीर में ऊर्जा का संचार होगा, आक्सीजन का प्रवाह व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। जल में भ्रामरी प्राणायाम से चेतना जाग्रत होगी, भ्रात्रिका प्राणायाम से पाचन तंत्र अच्छा होगा, ध्यान से आंतरिक शांति, संतुलन की भावना व अच्छी नींद आएगी। रोमा कहती हैँ कि वह 20 साल योग कर रही हैं। इससे मेरे अंदर उत्साह व आनंद भरा रहता है और मैं बिल्कुल स्वस्थ रहती हूं।

योग दिवस पर बना चुकी हैं विश्व कीर्तिमान

बीते वर्ष दिसंबर महीने में राजधानी लखनऊ में 57 साल की उम्र में लगातार एक घंटा, 24 मिनट और एक सेकंड तक जल ध्यान करके रोमा हेमवानी ने विश्व कीर्तिमान बनाया था। उनका यह रिकार्ड योग विश्व रिकार्ड परिषद की योगासन बुक में दर्ज किया गया है।

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