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लापता चारों श्रमिकों के शव बरामद, आठ की गई जान, 46 को बचाया

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चमोली। शुक्रवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के पास भीषण हिमस्खलन में 54 मजदूर फंस गए थे। इसमें से आठ की जान चली गई।

1. अनिल कुमार (21) पुत्र ईश्वरी दत्त, ठाकुर नगर, रुद्रपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड।

2. अशोक (28) पुत्र रामपाल, गंगहोल,  बेनाऊ, फतेपुर, उत्तर प्रदेश। 

3. हरमेश (30) पुत्र ज्ञानचंद्र, कुठार, ऊना, हिमाचल प्रदेश।

4. अरविंद (43) पुत्र देवेंद्र कुमार, गोकुल धाम, भगत निवास, न्यू कॉलोनी, क्लेमन टाउन, देहरादून।

माणा में लापता चारों श्रमिकों के शव आज बरामद हुए हैं। इसके साथ ही रेस्क्यू अभियान पूरा हो गया है। हिमस्खलन की इस घटना में आठ श्रमिकों की जान चली गई। वहीं, 46 श्रमिकों को बचा लिया गया है।

1. अनिल कुमार (21) पुत्र ईश्वरी दत्त, ठाकुर नगर, रुद्रपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड।

2. अशोक (28) पुत्र रामपाल, गंगहोल,  बेनाऊ, फतेपुर, उत्तर प्रदेश। 

3. हरमेश (30) पुत्र ज्ञानचंद्र, कुठार, ऊना, हिमाचल प्रदेश।

लापता

1. अरविंद (43) देवेंद्र कुमार, गोकुल धाम, भगत निवास, न्यू कॉलोनी, क्लेमन टाउन, देहरादून। पीआरओ डिफेंस, लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि सेना द्वारा जारी सर्च ऑपरेशन के दौरान बर्फ में दबे एक और श्रमिक के शव को बरामद किया है। शव को माना पोस्ट लाया जा रहा है। अभी भी एक श्रमिक लापता है।

माणा रेस्क्यू अभियान में गंभीर रूप से घायल पवन पुत्र महेंद्र सिंह (23) इशापुर, सम्भल, उत्तर प्रदेश को हेली एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है। जबकि एक व्यक्ति को शनिवार को रेफर कर दिया गया था।  

पीआरओ डिफेंस, लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि सेना द्वारा जारी सर्च ऑपरेशन के दौरान बर्फ में दबे दो और श्रमिकों के शव बरामद किए गए हैं। शवों को माना पोस्ट लाया जा रहा है। अब दो लोग लापता हैं।

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि मौसम ने हमारा साथ दिया है। कुल 54 (बीआरओ श्रमिक) लापता थे, 50 को बचा लिया गया है, और 4 लोगों की जान चली गई है। चार लोग अभी भी लापता हैं, और खोज और बचाव अभियान चल रहा है, और हमें उम्मीद है कि हम उन्हें जल्द ही ढूंढ लेंगे।

एम्स ऋषिकेश के पीआरओ संदीप सिंह ने बताया कि पांच लोगों को यहां लाया जाना था, लेकिन बाद में हमें पता चला कि 4 लोगों को यहां लाया जाएगा। अशोक कुमार को यहां लाया गया है और उन्हें रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है। उनकी जांच की जा रही है। उनकी रीढ़ की सर्जरी शायद आज की जाएगी। उनके पैर अभी काम नहीं कर रहे हैं। टीम उनकी निगरानी कर रही है। पवन कुमार को भी आज यहां एयरलिफ्ट किया जाना है।

जीवित बचे विजय पांडे ने कहा, हम कंटेनर में थे जब हिमस्खलन हुआ और यह कंटेनर को बहा ले गया। हमने खुद को बर्फ में पाया।हममें से 9 लोग कंटेनर में थे, उनमें से 4 यहां भर्ती हैं। आर्मी अस्पताल में भर्ती जीवित बचे लोगों में से एक मनोज भंडारी ने बताया कि यह इतना अचानक हुआ कि हमें कुछ पता ही नहीं चला। हमारे सभी कंटेनर नष्ट हो गए, क्योंकि यह एक भारी तूफान था।

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