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एफ-16 के नाम पर मिला धोखा! हवाई हमले में क्यों नहीं उतार रहा यूक्रेन

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नई दिल्ली। अमेरिका और यूरोपीय देशों से यूक्रेन को मिले एफ- 16 लड़ाकू विमान युद्ध के मैदान में रूस के सु-35 के सामने कहीं नहीं टिकते हैं। यही वजह है कि यूक्रेन एफ-16 विमानों को सीधे लड़ाई में नहीं उतार रहा है। वह इन विमानों का इस्तेमाल हवाई सुरक्षा में कर रहा है। डोनाल्ड ट्रंप से तीखी बहस के बाद अमेरिका ने एफ-16 विमानों के रडार सिस्टम को निलंबित कर दिया है।

यूक्रेन को मिले अब तक 20 एफ-16 लड़ाकू विमान

यूक्रेनी वायुसेना कमान के संचार विभाग के प्रमुख कर्नल यूरी इहनात का मानना है कि यूक्रेन के पास जो विमान है, उन्हें हवाई लड़ाई में शामिल नहीं किया जा सकता है। एकीकृत वायु रक्षा के बिना एफ- 16 विमान रूस के सामने टिकने वाले नहीं हैं। यूक्रेन को डेनमार्क, नीदरलैंड और अमेरिका से अभी तक 20 एफ-16 विमान मिल चुके हैं। इनमें से एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है।

काफी पुराने हैं लड़ाकू विमान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन को मिले एफ-16 विमान काफी पुराने हैं। ये 1980 और 1990 के दशक हैं। कुछ लड़ाकू विमानों को अपग्रेड किया गया है। मगर यह शुरुआती ब्/क् मॉडल या थ्-16।/ठ हैं। यह लड़ाकू विमान ।च्ळ-66 और ।च्ळ-68 जैसे पुराने रडार सिस्टम से लैस है। युद्ध क्षेत्र में ये एफ-16 विमान ।प्ड-9 साइडवाइंडर्स और ।प्ड-120 ।डत्।।डे जैसी मिसाइलों के पुराने संस्करण ही ले जाने में सक्षम है।

यूक्रेनी एफ-16 की तुलना में रूसी विमान सुखोई-35 आधुनिक है। यह सुखोई-27 का उन्नत संस्करण है। इसे अत्याधुनिक एवियोनिक्स, लंबी दूरी के सेंसर और बेहतर हथियार से लैस किया गया है। यह एक मल्टी रोल फाइटर प्लेन है। सुखोई-35 लड़ाकू विमान 1500 मील प्रति घंटे से उड़ान भर सकता है। यूक्रेन के एफ-16 की तुलना में यह विमान बेहतर है।

इसका इरबिस-ई रडार 200 मील से अधिक दूरी पर मौजूद लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है। विमान के थ्रस्ट-वेक्टरिंग इंजन इसे अधिक गतिशीलता प्रदान करते हैं। इसकी वजह से डॉग फाइट्स में रूसी पायलटों को बढ़त मिलती है। त्-77 और त्-37ड मिसाइलों इस विमान को युद्ध के मैदान में बेहद घातक बनाती हैं।

यूक्रेन भी जानता है एफ-16 की क्षमता

यूक्रेन भी अमेरिका के एफ-16 विमानों की क्षमता से वाकिफ है। यूक्रेन रूस के खिलाफ इन विमानों को हवाई युद्ध में तैनात करने से बच रहा है। मौजूदा समय में एफ-16 विमानों का इस्तेमाल रूसी ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को गिराने और हवाई सुरक्षा में किया जा रहा है।

मिराज 2000 पर यूक्रेन की निगाह

अमेरिकी मदद में कमी के बाद यूक्रेन ने अपनी निगाह यूरोपीय हथियारों पर टिका दी है। यूक्रेन एफ- 16 की जगह फ्रांस से और अधिक मिराज 2000 लड़ाकू विमान लेने पर विचार कर रहा है। फ्रांस ने यह भी कहा कि यूक्रेन को इन विमानों को सौंपने से पहले आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लैस किया जाएगा। फ्रांस अभी तक यूक्रेन को मिराज विमानों की पहले खेप भेज चुका है।

यूक्रेनी वायुसेना के मुताबिक 7 मार्च को मिराज 2000 विमानों ने रूसी क्रूज मिसाइलों को मार गिराया है। रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ जस्टिन ब्रोंक का मानना है कि स्वीडिश ग्रिपेन विमान भी यूक्रेन की जरूरत के लिहाज से बिल्कुल फिट होगा।

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