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गलवान झड़प में भारतीय सेना ने जिसे खूब पीटा, चीन ने उसे सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

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पीटीआई, बीजिंग। चीन ने 2020 में भारतीय सैनिकों के साथ गलवान घाटी सीमा संघर्ष में घायल रेजिमेंट कमांडर को राष्ट्रीय सलाहकार निकाय चीनी पीपुल्स पालिटिकल कंसल्टेटिव कान्फ्रेंस (सीपीपीसीसी) के विशिष्ट सदस्य के रूप में सम्मानित किया है।

बीजिंग में रविवार को आयोजित समारोह में सीपीपीसीसी सदस्यों के लिए 2024 के उत्कृष्ट प्रदर्शन पुरस्कार से सम्मानित 33 लोगों में क्यू फबाओ भी शामिल थे। वर्ष 2022 में क्यू को शीतकालीन ओलंपिक के लिए मशालवाहक बनाया गया। इसे लेकर भारतीय राजनयिकों ने आयोजन के उद्घाटन और समापन समारोहों का बहिष्कार किया था।

पहले भी किया गया था सम्मानित

इससे पहले क्यू को केंद्रीय सैन्य आयोग द्वारा सीमा की रक्षा के लिए हीरो रेजिमेंटल कमांडर की उपाधि से सम्मानित किया गया था। चीन ने गलवान संघर्ष के आठ महीने बाद अपने चार सैनिकों की मौत की बात स्वीकार की थी। इस झड़प में कुल 20 भारतीय सैनिक बलिदान हुए थे। इसे भारत-चीन सीमा पर चार दशकों में सबसे भीषण झड़प माना जाता है।

आठ महीने बाद चीन ने दी थी सही जानकारी

भारत ने इस घटना के तुरंत बाद हताहतों की घोषणा की। वहीं, चीन ने आठ महीने बाद अपने हताहतों की संख्या का खुलासा किया। गलवान संघर्ष और पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच चार साल से अधिक समय तक संबंध ठंडे रहे।

पिछले अक्टूबर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के कजान में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक के बाद संबंधों को बहाल किया गया। इसके बाद कई बैठकें हुईं, जिनमें सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधियों एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बैठक और विदेश सचिव स्तर की वार्ता शामिल थी।

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