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होली सभी को सुखमय हो, किसी प्रकार का द्वेषभाव न हो: डॉ. विजयानन्द

 

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ब्रह्मसमाज सेवा समिति ने होली मिलन समारोह में कवियों एवं पत्रकारों को किया सम्मानित

झूंसी, प्रयागराज (जितेन्द्र शुक्ल)।ब्रह्मसमाज सेवा समिति के तत्वावधान में बुधवार को केंद्रीय विद्यापीठ, प्रतिष्ठानपुर, हवेलिया झूसी में होली मिलन समारोह,

होलिकात्सव, महाभारत पुस्तक का लोकार्पण, हास्यकवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह आयोजन किया गया।जिसमें कवियों, हिंदी साहित्यकारों एवं पत्रकारों को अंगवस्त्रमं  माल्यार्पण से स्वागत  किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉक्टर राजलक्ष्मी कृष्णन सुपरिचित हिंदी, तमिल साहित्यकार (चेन्नई, तमिलनाडु) एवं अध्यक्षता डॉ० विजयानन्द भोजपुरी, हिंदी साहित्यकार एवं अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष वैश्विक हिंदी महासभा ने की।कार्यक्रम में सर्वप्रथम सरस्वती वंदना, गायत्री स्तवन, भगवान परशुराम एवं गणेश पूजन से किया गया। होली मिलन समारोह में सभी अतिथियों का स्वागत अबीर गुलाल लगाकर किया गया। मुख्य अतिथि डॉ० राजलक्ष्मी कृष्णन द्वारा लिखित महाभारत पुस्तक का लोकार्पण किया गया। हास्यकवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में कवियों, पत्रकारों एवं वरिष्ठ तथा सक्रिय सदस्यों को सम्मानित किया गया। होली मिलन समारोह में मुख्य अतिथि अध्यक्ष के अलावा डॉक्टर इंदु जौनपुरी, गंगा प्रसाद त्रिपाठी, योगेश झमाझम , राघवेंद्र आदि कवियों ने होली पर हास्य कविताओं की प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया। डॉ० राजलक्ष्मी कृष्णन ने कहा कि आजादी के 76 वर्षों के बावजूद भी जो हिंदी को गौरव प्राप्त होना चाहिए, वह नहीं मिला। मैं 81 वर्ष की हो चुकी हूं और आजीवन हिंदी की सेवा करती रहूंगी। हिंदी को लेकर केंद्र सरकार से मांग है कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का गौरव प्राप्त हो और नागरी लिपि को राष्ट्र लिपि का दर्जा प्राप्त हो। 

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अध्यक्ष डॉ० विजयानन्द हिंदी साहित्यकार ने कहा कि होली का पर्व सभी के लिए सुखमय हो किसी प्रकार का द्वेषभाव न हो, सनातन धर्म, वैदिक धर्म अपनी एकता संस्कृति एवं संस्कार के  प्रति लोग आकर्षक हों, नई पीढियां हिंदी,संस्कृत अपनी मातृभाषायें सीखें, वेदों-पुराणों का दस मिनट अध्ययन करें, जिससे भारत सोने की चिड़िया फिर से बन सके। 

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इस समारोह में मुख्य रूप से श्रीमती मीना तिवारी, चंद्रशेखर तिवारी, डॉ० सियाराम त्रिपाठी, जवाहर त्रिपाठी, चंद्रशेखर मिश्र, कमलाकांत शुक्ल, देवप्रकाश दुबे, अभयनारायण तिवारी, कृष्ण मोहन तिवारी, ज्योतिशंकर चौबे, देवराज शुक्ल, ताराशंकर उपाध्याय, अवध नारायण मिश्र,प्रमोद कुमार त्रिपाठी, सुरेंद्र कुमार दुबे, शशिकांत पांडेय, त्रिभुवन पांडे बैकुंठ नाथ दुबे, राजेंद्र पांडेय, अशोक तिवारी आदि ब्रह्म समाज सेवा समिति के सदस्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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