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प्रतापगढ़ बवाल: 'शरीर पर अंडरगारमेंट नहीं थे और...', मां ने लगाए आरोप

SV News

युवती की मौत पर लोगों ने की पत्थरबाजी

प्रतापगढ़ (राजेश सिंह)। जिले के रानीगंज थाना इलाके के दुर्गागंज बाजार स्थित एक निजी अस्पताल में काम करने वाली अनुसूचित जाति की महिलाकर्मी की मौत पर शुक्रवार को बवाल हो गया। सुबह परिजन व ग्रामीण अस्पताल के सामने शव रखकर गैंगरेप व हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो पत्थरबाजी शुरू हो गई, जिसमें सीओ का सिर फट गया। पुलिसकर्मियों समेत कुल 13 लोग घायल हुए हैं। दुर्गागंज बाजार स्थित मां मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में चार साल से क्षेत्र की युवती (22) सफाई व नर्सिंग का काम करती थी। उसकी मां के मुताबिक, बृहस्पतिवार की शाम करीब छह बजे बेटी अस्पताल ड्यूटी पर गई थी। रात करीब आठ बजे अस्पतालकर्मी ने उसे फोन कर बुलाया। वह पहुंची तो उसे गेट पर रोक लिया गया। कुछ देर बाद बेटी के मौत की जानकारी दी। इसके बाद एंबुलेंस में शव लेकर तीन कर्मचारी उसके घर पहुंचे। 
अस्पताल कर्मी शव रखकर भागने की फिराक में थे। शोर-शराबे पर ग्रामीणों ने तीनों को पकड़ कर बंधक बना लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस तीनों को अपने साथ ले गई। मां ने बताया कि उसकी बेटी के शरीर पर अंडरगारमेंट नहीं थे और चोट के निशान थे। ऐसे लग रहा था, जैसे गैंगरेप कर उसकी हत्या की गई हो। तहरीर देने के बाद भी पुलिस पोस्टमार्टम के बाद कार्रवाई की बात करती रही। 
शुक्रवार की सुबह पुलिस के कार्रवाई न करने पर भड़के ग्रामीण चारपाई पर शव लेकर तीन किमी दूर अस्पताल चल पड़े। रास्ते में पुलिस लोगों को रोकने का प्रयास करने लगी, जिसे लेकर झड़प हुई। सैकड़ों की तादात में ग्रामीण अस्पताल पहुंच गए। भीतर प्रवेश करने लगे तो पुलिस ने रोक दिया। इस पर शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन करने लगे।
युवती की मौत के बाद अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी व चिकित्सक भर्ती मरीजों को छोड़कर भाग निकले। अस्पताल में ताला लगा होने के कारण मरीज 12 घंटे से भीतर ही घुटते रहे। बवाल थमने के बाद पुलिस ने छत के रास्ते भीतर पहुंचकर भर्ती प्रसूता सोनम यादव व मंजू गौतम और मधुमेह की बीमारी से पीड़ित रामकिशन को बाहर निकालकर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। 
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक सिपाही ने प्रदर्शन कर रहे एक युवक पर डंडा चला दिया, जिससे बात बिगड़ गई। उग्र ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने उपद्रव कर रहे लोगों को दौड़ाकर पीटा। देखते ही देखते बाजार में सन्नाटा पसर गया। कुछ ही देर में एसपी डॉ. अनिल कुमार, एएसपी पूर्वी दुर्गेश सिंह फोर्स के साथ पहुंचे। 
दुर्गागंज बाजार की सड़क पर अस्पतालकर्मी का शव रखकर जाम लगाते हुए प्रदर्शन करते हुए बवाल हो गया। पथराव व लाठीचार्ज के बाद अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। देखते ही देखते दुकानों के शटर बंद होने लगे। कुछ ही देर में बाजार में सन्नाटा पसर गया। शाम तक आधे बाजार में सन्नाटा रहा तो आधे बाजार की कुछ दुकानों में खरीदारी करने लोग पहुंचे।
युवती की मौत को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे ग्रामीणों के साथ बाहरी लोग भी शामिल थे। पुलिस के अनुसार बाहरी लोगों ने ही सीओ पर ईंट फेंका और पथराव किया। उनके चलते ही प्रदर्शन के दौरान बात बिगड़ी। घटना के समय पुलिस परिजनों से बातचीत कर रही थी। ऐसे बवालियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए चिह्नित किया जा रहा है।
रानीगंज विधायक डॉ. आरके वर्मा भी पहुंच गए। परिजनों से बातचीत कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतका की मां की तहरीर पर पुलिस ने अस्पताल संचालक डॉ. अमित पांडेय, सुनील कुमार, विद्या सागर, शहबाज व मनोरमा देवी के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, दलित उत्पीड़न सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया। 
वीडियोग्राफी के बीच महिला डॉक्टर सहित दो चिकित्सकों ने शव का पोस्टमार्टम किया। मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। विसरा और स्लाइड जांच के लिए सुरक्षित की गई है। 

बृहस्पतिवार की रात अस्पताल में युवती के मौत की खबर मिली थी। तहरीर के आधार पर छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। डॉ. अनिल कुमार, एसपी, प्रतापगढ़

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