लखनऊ (राजेश सिंह)। डीजीपी प्रशांत कुमार ने मातहतों को निर्देश दिए हैं कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुये आतंकवादी हमले के बाद कुछ असामाजिक एवं शरारती तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की साजिश रची जा सकती है। लिहाजा पुलिस हाई अलर्ट पर रहे और धार्मिक स्थलों, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, कश्मीरी छात्रों एवं दुकानदारों आदि की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाएं।
उन्होंने कहा कि नेपाल बार्डर और सभी अंतरराज्यीय बार्डर पर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर समुचित पुलिस प्रबंध कर प्रभावी चेकिंग कराई जाए। सभी टोल प्लाजा पर भी आवश्यक पुलिस प्रबंध एवं निगरानी की जाए। नेपाल बार्डर के महराजगंज, श्रावस्ती, सिद्वार्थनगर, खीरी, पीलीभीत, बहराइच, बलरामपुर में एसएसबी की मदद से चेक पोस्टों पर चौकसी रखी जाए। संवेदनशील क्षेत्रों तथा चिन्हित हॉट स्पॉट पर ड्रोन से निगरानी की जाए। धार्मिक स्थला, पूजा स्थलों पर आपत्तिजनक सामग्री चस्पा करने की हरकतों पर प्रभावी अंकुश लगाया जाए।
महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा जाए। होटल, धर्मशाला, गेस्टहाउस, नये किरायेदारों का शत-प्रतिशत पुलिस सत्यापन अवश्य सुनिश्चित कराया जाए। कट्टरपंथिया, असामाजिक तत्वों की निगरानी करें। सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्मों पर भी सतर्क दृष्टि रखी जाए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक जिन शार्ट टर्म वीजा वाले पाकिस्तानी नागरिकों के वापस जाने की मियाद आज खत्म हो रही थी, उन्हें वापस भेज दिया गया है। एक महिला को 30 अप्रैल को भेजा जाएगा। ऐसे तकरीबन 50 पाकिस्तानी नागरिक एलआईयू के जरिए वापस भेजे गए हैं।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध में अवसर खोजेगी योगी सरकार
अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ वार को योगी सरकार खुद के लिए अवसर बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार नई निर्यात नीति लाने जा रही है। इसमें इन्वेस्ट यूपी को और प्रभावी एवं पारदर्शी बनाया जाएगा।
देश-दुनिया में ब्रांड यूपी के प्रचार प्रसार के लिए प्रस्तावित निर्यात नीति में निर्यात संवर्धन कोष भी बनेगा। एमएसएमई सेक्टर के लिए तो यह टैरिफ वार सुनहरा अवसर साबित हो सकता है। यहां बता दें कि चीन, अमेरिका को रोजमर्रा के समानों का सबसे बड़ा 148 अरब डॉलर निर्यातक है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इन सामानों के निर्यात में चीन की हिस्सेदारी करीब 72 फीसदी है,जबकि भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 2 फीसदी। ये तमाम उत्पाद एमएसएमई इकाइयों में बनते हैं।
एक जिला-एक उत्पाद योजना के शुरुआत के बाद से राज्य का निर्यात 88967 करोड़ रुपये से बढ़कर दो लाख करोड़ से अधिक का हो गया है। अब सरकार का लक्ष्य 2030 तक इसे तीन गुना करने का है।