मनुष्य के जीवन का लक्ष्य सफलता नहीं बल्कि सार्थकता होनी चाहिए: सुनील
प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित ज्वाला देवी स0वि0इ0का0 के मीडिया प्रभारी सरोज दुबे की विज्ञप्ति के अनुसार विद्यालय में बोर्ड परीक्षा मेधावी सम्मान समारोह प्रातः 10ः00 बजे विद्यालय के विशाल सभागार में आयोजित हुआ जिसमें 90 एवं उसके अधिक प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले लगभग 54 भैया बहनों को सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में डॉ0 वी0के कश्यप (रामायण कालीन निषादराज के वंशज) , अध्यक्ष के रुप में सुनील (सहप्रान्त प्रचारक, काशी प्रान्त) तथा विशिष्ट अतिथि के रुप में शेषधर द्विवेदी (प्रदेश निरीक्षक, काशी प्रान्त), डॉ0 विनम्र सेन (कोषाध्यक्ष, ज्वाला देवी सिविल लाइन्स) एवं विद्यालय के पूर्व छात्र साकेत सिंह (आई0ए0एस0) तथा बोर्ड परीक्षा में प्रदेश और जिले की मेरिट में स्थान प्राप्त करने वाले भैया बहनों के अभिभावक उपस्थित रहें ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉ सरस्वती के सम्मुख दीपार्चन, पुष्पार्चन एवं सरस्वती वन्दना से हुआ। मंचस्थ अतिथियों का परिचय एवं सम्मान विद्यालय के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार के द्वारा कराया गया। तत्पश्चात् उन्होने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि भैया बहनों ने अपने कठिन परिश्रम व लगन से जिले की मेरिट में 03 स्थानों पर कब्जा जमाते हुये अपना परचम लहराया है उसके लिये भैया-बहन एवं उनके अभिभावक बधाई के पात्र है।
अतिथियों के सम्मानोपरान्त विद्यालय के पूर्व छात्र एवं UPSC .2024 में आई0ए0एस0 के पद पर चयनित साकेत सिंह का मंचस्थ अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया। सत्र 2024-25 के बोर्ड परीक्षा एवं खेल के क्षेत्र में में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले को पुरस्कृत किया गया, पुरस्कार प्राप्त करने वाले भैया बहनों का विवरण निम्नलिखित है-
हाईस्कूल परीक्षा में प्रथम 10 स्थान प्राप्त छात्र-छात्रायें
क्र0 सं0 अनुक्रमांक छात्र का नाम प्राप्तांक/पूर्णांक प्रतिशत स्थान
1 1251494245 युवराज मिश्र (जिले में 6वां स्थान) 570/600 95ः00 1
2 1251494259 दिव्यांशी चौरासिया (जिले मंे 9वां स्थान 566/600 94.33 2
3 1251493966 अनमोल मिश्र (जिले में 10वां स्थान) 565/600 94.17 3
4 1251494094 नितिन सिंह 561/600 93.50 4
5 1251493933 आदित्य 560/600 93.33 5
6 1251494225 उत्कर्ष सरोज 559/600 93.17 6
7 1251494092 निशीकान्त शुक्ल 554/600 92.33 7
8 1251493932 अद्भुत पटेल 552/600 92.00 8
9 1251494251 आयुषी अग्रवाल 548/600 91.33 9
10 1251494007 आशुतोष सिंह 547/600 91.17 10
11 1251494169 शिवम द्विवेदी 547/600 91.17 10
इण्टरमीडिएट परीक्षा में प्रथम 10 स्थान प्राप्त छात्र-छात्रायें
क्र0 सं0
अनुक्रमांक छात्र का नाम प्राप्तांक/पूर्णांक प्रतिशत स्थान
1 2256415011 कुलदीप जायसवाल 452/500 90.40 1
2 2256415073 सन्दीप यादव 444/500 88.80 2
3 2256414968 दीपक सिंह 441/500 88.20 3
4 2256414901 आदित्य सिंह 438/500 87.60 4
5 2256415154 यश त्रिपाठी 437/500 87.40 5
6 2256415130 वरुण पाठक 431/500 86.20 6
7 2256414955 आयुष कुमार 429/500 85.80 7
8 2256414976 देवेश प्रसाद मिश्र 426/500 85.20 8
9 2256415032 पीयूष मिश्र 426/500 85.20 8
10 2256415050 प्रियांशु मिश्र 426/500 85.20 8
11 2256415053 पुलकित सहाय 425/500 85.00 9
12 2256415186 प्रवीण कुमार पाण्डेय 424/500 84.80 10
1. रुद्रिका सिंह (SGFI कबड्डी, रजत पदक)
2. आदेश सिंह, प्रत्यूष राय, विनीत दुबे एवं तुषार चौधरी (SGFI वॉलीबाल, रजत पदक)
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज इस प्रतिभा अलंकरण समारोह में पुरस्कार प्राप्त छात्रों को देखकर यह विचार आता है कि पुरस्कार किसी व्यक्ति के जीवन में उत्साह एवं गति प्रदान करते है यदि इसका प्रारंभ छात्र जीवन से ही हो जाये तो निश्चित रुप से उसे नित नये कीर्तिमान स्थापित करने से कोई रोक नही सकता। इस हेतु सम्बन्धित संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संगम नगरी के लिए यह गर्व का विषय है कि विद्या भारती द्वारा संचालित ज्वाला देवी स0वि0म0 इण्टर कॉलेज सिविल लाइन्स निरन्तर ऐसी प्रतिभाओं को तराश रहा जो अपने भावी जीवन में भारत माता के यश में श्रीवृद्धि करेंगे और समाज को सच्ची दिशा प्रदान करने में अपना अपूर्व योगदान प्रदान करेंगे’’।
अपने अध्यक्षीय आशीर्वचन में सहप्रान्त प्रचारक जी ने कहा कि जीवन में सफलता और सार्थकता दो ऐसे पहलू हैं जिन्हें अक्सर एक ही मान लिया जाता है, जबकि वास्तव में इनमें गहरा अंतर होता है। एक सफल जीवन बाहरी उपलब्धियों और भौतिक सुख-सुविधाओं पर केंद्रित हो सकता है, जबकि एक सार्थक जीवन गहरे आंतरिक संतोष, उद्देश्य और दूसरों के जीवन में सकारात्मक योगदान पर आधारित होता है।
जैसे एक व्यक्ति जो दूसरों की निस्वार्थ भाव से मदद करता है, अपने काम में परोपकार का उद्देश्य ढूंढता है, मजबूत और स्वस्थ रिश्ते बनाता है, या कला या रचनात्मकता के माध्यम से सकारात्मक प्रभाव डालता है, वह एक सार्थक जीवन जी रहा हो सकता है, भले ही उसके पास बहुत अधिक धन या सामाजिक प्रतिष्ठा न हो।
इसी परिकल्पना को साकार करने के लिए विद्या भारती के विद्यालय छात्र को केन्द्र बिन्दु मानकर उसके सर्वागीण विकास का कार्य कर रहें है। उन्होने कहा कि विद्या भारती का लक्ष्य न केवल छात्र जीवन को सफल अपितु सार्थक बनाना भी है, जिससे कि वह अपना भरण पोषण करते हुये समाज में असहाय एवं अभावग्रस्त लोगो की सहायता करके परोपकार कर सकें।
विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित विद्यालय के पूर्व छात्र एवं UPSC - 2024 में आई0ए0एस0 के पद पर चयनित साकेत सिंह ने कहा कि ’’ सफलता का कोई शार्टकट नही होता सफलता सदैव कड़ी मेहनत, अनुशासन, लगन एवं देश हित में काम करने की भावना से ही मिलती है, मुझे गर्व है कि मैने अपनी शिक्षा विद्या भारती के विद्यालय से प्राप्त की है जो हिन्दुत्वनिष्ठ, राष्ट्रभक्ति एवं परोपकार की भावना से ओतप्रोत कर्मठ नवयुवको को तैयार करने वाली खान के रुप में जानी जाती है’’। उन्होने कहा कि देश की सर्वोच्च परीक्षा उत्तीर्ण करने का श्रेय अपने माता पिता एवं गुरुजनों को देता हूॅ जिनके अथक प्रयास एवं कुशल मार्गदर्शन से मुझे यह अवसर प्राप्त हुआ। साकेत ने सीख देते हुये कहा कि हमेशा अपने गुरुजनों को सम्मान करना चाहिये तथा सदैव उनसे कुछ नया सीखने का प्रयास करते रहना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित प्रदेश निरीक्षक ने सभी को सम्बोधित करते हुये कहा कि यह केवल आपकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह हमारे विद्यालय के उत्कृष्ट शैक्षिक वातावरण और हमारे शिक्षकों के समर्पण का भी परिणाम है। मैं हमारे सभी शिक्षकों को उनके मार्गदर्शन, प्रोत्साहन और अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। आपने न केवल पाठ्यक्रम को पूरा कराया बल्कि विद्यार्थियों को ज्ञान की गहराई तक ले जाने और उनमें सीखने की जिज्ञासा पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के कोषाध्यक्ष डा0 विनम्र सेन ने आये हुये अतिथियों, अभिभावकों एवं कार्यक्रम में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े हुये सभी लोगों का आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के आचार्य सन्तोष पाण्डेय जी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अभिभावक बन्धु भगिनी, आचार्य एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित रहें।