पुलिस के साथ सभी विंग तैयार, सायरन बजते ही मूवमेंट को लेकर करेंगे रिहर्सल
प्रयागराज (राजेश सिंह)। कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में अलर्ट है। देश की सीमाओं पर जंग जैसे हालात हैं। भारत मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में है। ऐसे में देश के अन्य राज्यों, जिलों की तर्ज पर प्रयागराज में भी जंग के हालातों से निपटने, हवाई हमले के दौरान बचाव, सायरन बजने के हालात में स्थानीय लोगों को क्या करना, हमले के दौरान स्थिति बिगड़ने पर कैसे आगे आना है, इसे लेकर मॉके ड्रिल की जा रही है।
प्रयागराज में पुलिस के साथ पैरामिलिट्री, सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, नागरिक सुरक्षा कोर, पीस कमेटी समेत अन्य संगठनों के साथ मॉक ड्रिल की तैयारी है। पावर ग्रिड, पावर प्लांट, कैंटोमेंट एरिया समेत अन्य जगहों पर बवाव के तरीके समझाने की तैयारी है।
जंग के हालात के मद्देनजर आपदा प्रबंधन एवं क्विक रिस्पांस टीमों ने मशक्कत शुरू कर दी है। यूपी सरकार के निर्देश के बाद प्रयागराज में सभी विंग की एक बैठक कर मॉक ड्रिल की तैयारियों पर युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू की गई।
इसे लेकर बुधवार को एक बड़ा अभ्यास किया जाएगा। इस अभ्यास को नागरिक सुरक्षा के लिए बेहद कारगर एवं अहम बताया जा रहा है। प्रयागराज पुलिस व प्रशासन ने नागरिकों को युद्ध के दौरान सुरक्षित रहने और लोगो को बचाने के लिए सुरक्षा एजेंसियो के साथ मार्क ड्रिल करेगा। इसको लेकर मंगलवार की देर शाम एक बड़ी बैठक बुलाई गई थी।
बैठक में सिविल डिफेंस, केंद्रीय अर्धसैनिक बल, जिला प्रशासन, शिक्षा संस्थान, स्वास्थ्य विभाग, ऊर्जा उत्पादन इकाइयाँ, सुरक्षा से संबंधित संस्थान, और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस बहु-आयामी बैठक में सभी स्टेकहोल्डर्स को उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से अवगत कराया गया तथा उन्हें संभावित आपदा के हालात में प्रभावी कार्यान्वयन की रणनीति बताई गई।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि किसी भी आपात स्थिति में (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) क्या होगी, इसे किस प्रकार से इनिशिएट किया जाएगा, और इसमें कौन-कौन से विभाग सक्रिय भूमिका निभाएंगे। प्रतिभागियों को बताया गया कि ऐसी परिस्थितियों में सभी विभागों के बीच समन्वय कितना महत्वपूर्ण होता है और इसमें कौन-कौन से गैप्स हैं, जिन्हें भरना आवश्यक है।
सभी प्रतिभागियों को आपदा से संबंधित तैयारियों के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। इसमें स्किल अपग्रेडेशन, इमरजेंसी रिस्पॉन्स, और निर्णय-निर्धारण प्रक्रियाओं को सशक्त करने पर विशेष ध्यान दिया गया। बैठक में यह भी बताया गया कि किन-किन क्षेत्रों और संस्थानों में इस तरह की तैयारियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिसमें स्कूल-कॉलेज, विश्वविद्यालय, पावर प्लांट्स, डिस्ट्रिक्ट ऑफिसेस, तथा अन्य संवेदनशील संस्थान शामिल हैं।
हालांकि ऑपरेशन की सटीक टाइमिंग और स्थानों को लेकर विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई क्योंकि यह एक संवेदनशील विषय है, लेकिन बताया गया कि सभी स्थानों के लिए सटीक और व्यावहारिक योजना तैयार कर ली गई है। इसके अंतर्गत विभिन्न संस्थानों में मॉक ड्रिल्स, आपदा प्रतिक्रिया प्रशिक्षण और कोऑर्डिनेशन मीटिंग्स का आयोजन किया जाएगा।
प्रशासन ने सभी प्रतिनिधियों को यह निर्देश दिया कि वे अपने-अपने विभागों में आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करें, मानव संसाधन को प्रशिक्षित करें और किसी भी आपात स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहें।