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प्रयागराज: ईदगाह में अदा की गई बकरीद की नमाज, हुई कुर्बानी

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। ईद उल अजहा (बकरीद) का त्योहार शनिवार को परंपरागत तरीके से मनाया जा रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में स्थित ईदगाह और मस्जिदों में मुकर्रर समय पर नमाज अदा गई। नए परिधान में ईदगाह पहुंचे मुस्लिमों ने नमाज अदा कर देश की अमन और खुशहाली की खुदा से दुआ मांगी। इसके बाद शुरू हुआ कुर्बानी का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। यह त्योहार तीन दिनों सोमवार तक चलेगा। 
शनिवार को इस्लामिक माह जिलहिज्जा की दसवीं तारीख को बकरीद (ईद-ए-कुर्बां या ईद-उल-अजहा) देश भर में मनाया गया। इस दौरान प्रयागराज की सभी मस्जिदों में तय समय पर विशेष नमाज अदा की गई। करैली स्थित मस्जिद अय्यूब अंसारी में सबसे पहले सुबह छह बजे और चक जीरो रोड स्थित शिया जामा मस्जिद में 10:30 बजे आखिरी विशेष नमाज हुई।
ईदगाह में सुबह 8:30 बजे, चौक जामा मस्जिद में सुबह सात बजे और 8:30 बजे, शाह वसी उल्लाह मस्जिद में सुबह 8:30 बजे, ए-उमर मस्जिद में सुबह सात बजे, वसीआबाद मस्जिद में सुबह 8:30 बजे, तारीक मस्जिद में सुबह 7:15 बजे, ए-जमीर मस्जिद में सुबह आठ बजे, ए-बिलाल मस्जिद में सुबह 7:30 बजे, गुलशने मुजाहिद मिल्लत मस्जिद में सुबह 8:30 बजे, मुस्तफा कॉम्प्लेक्स में सुबह 8:30 बजे, गौस मस्जिद में सुबह 9:30 बजे, अटाला चौराहा मस्जिद में सुबह 6:40 बजे, मदरसा अफजलुल मदारिस में सुबह छह बजे और 6:30 बजे, ए-ताहा मस्जिद में सुबह 8:30 बजे, अबु बकर मस्जिद में सुबह 6:15 बजे, जामा मस्जिद चौक में सुबह 8:30 बजे, अब्दुल्ला मस्जिद में सुबह आठ बजे, अबु हुरैरा मस्जिद में सुबह 8:30 बजे, उमर फारुक मस्जिद में सुबह आठ बजे, करामत की चौकी मस्जिद में सुबह 6:30 बजे, मुन्ना मस्जिद में सुबह नौ बजे, बड़ी मस्जिद अटाला में सुबह 7:30 बजे, ए-तलहा मस्जिद में सुबह 7:30 बजे, बड़ी मस्जिद रसूलपुर में सुबह आठ बजे, अय्यूब अंसार मस्जिद में सुबह छह बजे, दारुल माआरिफ मस्जिद में सुबह आठ बजे, ए-हबीब मस्जिद में सुबह सात बजे, बैतुल माआरिफ मस्जिद में सुबह 8:30 बजे, दारुल एहसान मस्जिद में सुबह 6:30 बजे, दायरा शाह अजमल मस्जिद में सुबह 10 बजे, शाही मस्जिद मीरापुर में सुबह सात बजे विशेष नमाज अदा हुई।

शिया मस्जिदों में नमाज का समय

अल फातिमा बैजुपूर मस्जिद करेली में सुबह 7:30 बजे, वजीर हसन मस्जिद जेके आशियाना में सुबह 8:30 बजे, गदा हुसैन मस्जिद में सुबह नौ बजे, इमाम रजा मस्जिद दरियाबाद में सुबह आठ बजे, ए-मोहम्मदी मस्जिद करेली में सुबह आठ बजे, ए-इमाम ए-सज्जाद (चिराग अली) मस्जिद दरियाबाद में सुबह 8:30 बजे, इबादतखाना अल खिजरा रहमत नगर करेली में सुबह 8:30 बजे, शिया जामा मस्जिद चक में सुबह 10 बजे, मुसल्ला ए जीशान करैलाबाग में सुबह नौ बजे, विलायत बेगम कदम रसूल मस्जिद चकिया में सुबह नौ बजे, बैतुस्सलात करेली में सुबह नौ बजे, बैतुस्सलात मिर्जा नकी बेग रानीमंडी में सुबह नौ बजे, इमामबारगाह रसूलपुर में सुबह नौ बजे, हम्माम गली मस्जिद में सुबह नौ बजे, दरगाह मौला अली दरियाबाद में सुबह नौ बजे, तहसीलदार मस्जिद दरियाबाद में सुबह नौ बजे, ए-नूर दायरा शाह अजमल मस्जिद में सुबह नौ बजे, काजी जी बख्शी बाजार मस्जिद में सुबह नौ बजे, ए-इमाम हसन अस्करी दरियाबाद में सुबह 9:30 बजे, ए-आलिया सब्जी मंडी मस्जिद में सुबह 9:30 बजे, मदरसा जमीयतुल अब्बास वीआईपी कॉलोनी करेली में सुबह 9:30 बजे, बीबी खदीजा मस्जिद में सुबह 9:45 बजे, दरगाह इमाम हुसैन दरियाबाद में सुबह 10:30 बजे, इमामबाड़ा अरब अली खां दरियाबाद में सुबह 10 बजे, कदम रसूल मस्जिद दरियाबाद में सुबह 10:30 बजे, ए-अमजदीया मस्जिद चक में सुबह 10:30 बजे विशेष नमाज अदा की गई।
स्थानीय ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार उत्साह, भक्ति और आपसी सौहार्द के साथ मनाया गया। मस्जिदों और ईदगाहों में अकीदतमंदों ने नमाज दोगाना (दो रिकात की नमाज) अदा किया। नमाज के बाद देश में शांति, अमन-चैन और भाईचारा के लिए विशेष दुआएं मांगीं गईं। अकीदतमंदों ने अल्लाह की राह में कुर्बानी दिया। पर्व के अवसर पर दिनभर मेहमान नवाजी का सिलसिला चलता रहा।
ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार कस्बा व आसपास के क्षेत्रों में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया। अकीदतमंद सुबह से ही ईदगाहों और जामा मस्जिदों की ओर रुख करने लगे थे। निर्धारित समय के अनुसार नमाज दोगाना (दो रिकात की नमाज) अदा किया। कदीमदी ईदगाह खानजहानपुर में मौलाना गुफरान फारुकी ने विशेष नमाज अदा कराई, जबकि अहले हदीस जामा मस्जिद में मौलाना अब्दुल अलीम ने इमामत की। मस्जिद अहलालगंज में मौलाना मंजूर अहमद मिफ्ताही और ईदगाह निंदूरा में हाफिज मो. अकरम अंसारी ने बकरीद की नमाज पढ़ाई।
इसके अतिरिक्त गौसिया जामा मस्जिद, बडूपुर ईदगाह, केमा जामा मस्जिद आदि में भी ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की गई। इस अवसर पर उलेमाओं ने कुर्बानी के महत्व और नमाज के नियमों के बारे में विस्तार से बताया। इसके बाद ईदगाहों के इमामों ने देश में अमन, चैन और खुशहाली के लिए सामूहिक रूप से दुआएं मांगीं। घर लौटने के बाद पैगंबर हजरत इब्राहिम और उनके बेटे हजरत इस्माइल की सुन्नत को याद कर इस प्रतीकात्मक रूप से जानवरों की कुर्बानी दी गई। पर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिए डीसीपी कुलदीप सिंह गुनावत, एसीपी जंगबहादुर यादव, इंस्पेक्टर राघवेंद्र सिंह, चौकी इंचार्ज विपिन पाल पुलिस बल और आर ए जब जवानों के साथ क्षेत्र का भ्रमण करते नजर आए।

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