प्रयागराज (राजेश सिंह)। करछना के इसौटा गांव में भीम आर्मी के अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने रविवार शाम जाने से रोका तो पार्टी कार्यकर्ता उग्र हो गए। करछना तहसील के हनुमानपुर मोरी से लेकर भड़ेवरा बाजार तक जमकर बवाल किया।
आधा दर्जन से अधिक बसों, पुलिस की चार गाड़ियों समेत अन्य चार वाहनों पर पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया। बाजार के दुकानदारों से मारपीट की। राहगीरों से भी हाथापाई की गई। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो पथराव शुरू कर दिया गया। कई थानों की पुलिस के साथ ही पीएसी के जवान पहुंचे, लेकिन भीम आर्मी के कार्यकर्ता रह-रह कर पत्थरबाजी करते रहे।
इसौटा गांव के रहने वाले देवीशंकर की 13 अप्रैल को आग से झुलसकर मौत हो गई थी। आरोप लगाया गया था कि उसे जलाकर मार डाला गया है। तहसील प्रशासन ने मृतक के स्वजन को जमीन का पट्टा, सरकार से आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन इधर कुछ दिन पहले भीम आर्मी के स्थानीय नेताओं ने यह कहा कि मृतक के स्वजन को कोई सहायता नहीं दी गई है।
मामला पार्टी के अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर रावण के पास पहुंचा तो रविवार को देवीशंकर के घरवालों से मुलाकात करने की बात कही गई। सुबह से ही देवीशंकर के घर के पास बड़ी संख्या में भीम आर्मी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ता एकत्र होने लगे। दोपहर में सांसद चंद्रशेखर रावण सर्किट हाउस पहुंचे।
पुलिस अधिकारियों को पता चला तो वह सर्किट हाउस पहुंचे। कई थानों की पुलिस भी पहुंच गई। चंद्रशेखर रावण को इसौटा जाने से रोका गया। यह बात शाम करीब पांच बजे इसौटा में मौजूद कार्यकर्ताओं को पता चली तो वह बवाल करने लगे। वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस पहुंची तो पथराव करते हुए उनके भी वाहनों में तोड़फोड़ की। राहगीरों की गाड़ियों को रोकवाकर तोड़ डाला गया।