प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के करछना में हुए उपद्रव को लेकर पुलिस की जांच में बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस का दावा है कि यह बवाल पूर्व नियोजित था और हमलावर पूरी तैयारी के साथ पहुंचे थे। उनके पास लाठी-डंडों और ईंट पत्थरों के अलावा पेट्रोल से भरी बोतलें भी थीं, जिन्हें मौके पर पेट्रोल बम की तरह इस्तेमाल किया गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, करछना थाना प्रभारी अनूप सरोज की ओर से उच्चाधिकारियों को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि हमलावर सुनियोजित तरीके से आए थे। हिंसा की मंशा साफ थी, क्योंकि वे सिर्फ पारंपरिक हथियारों से नहीं, बल्कि पेट्रोल जैसी ज्वलनशील सामग्री के साथ आए थे, जिससे आगजनी को अंजाम दिया जा सके। सूत्रों का कहना है कि बवाल में शामिल कुछ युवकों को घटना से कुछ घंटे पहले करछना क्षेत्र के ही एक पेट्रोल पंप पर देखा गया था। वहीं से वे बोतलों में पेट्रोल भरकर पहले हनुमानपुर मोरी और फिर भड़ेवरा बाजार पहुंचे।
जैसे ही बवाल शुरू हुआ, उन्होंने पहले तोड़फोड़ की और फिर राहगीरों के छोड़े गए दोपहिया वाहनों पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। आशंका यह भी है कि इसमें शामिल युवकों को किसी विशेष रणनीति के तहत प्रशिक्षित या तैयार किया गया था।
स्थानीय पुलिस ने मिले इनपुट के आधार पर अब जांच का दायरा बढ़ा दिया को है। हमलावरों की पहचान और उनकी पृष्ठभूमि खंगाली जा रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि उन्हें इस स्तर की तैयारी किसने कराई और उनके पीछे कौन लोग हैं।
फिलहाल घटना में दर्ज मुकदमे में गंभीर धाराएं जोड़ी गई हैं और कुछ संदिग्धों की गिरफ्तारी भी जल्द संभव है। पुलिस के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज, स्थानीय चश्मदीदों और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
प्रयागराज के करछना में हुए बवाल के मामले में 54 नामजद समेत कुल 604 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से 75 को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार लोगों में 52 नामजद आरोपी हैं जबकि 23 अन्य आरोपी वह हैं, जिन्हें वीडियो फुटेज से चिह्नित किया गया है।
आरोपियों में भीम आर्मी के करछना तहसील अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है। इससे पहले पांच थाना क्षेत्रों के 18 गांवों में रात भर चली कार्रवाई के दौरान आरोपियों को धरपकड़ में पुलिस जुटी रही।
करछना थाना प्रभारी अनूप सरोज की ओर से सोमवार की सुबह सात बजे करछना थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया गया। इसमें आरोप लगाया गया है कि यह पूरा बवाल षडयंत्र के तहत कराया गया।
भीम आर्मी यमुनापार के करछना तहसील अध्यक्ष अभय सिंह उर्फ सोनू और तहसील उपाध्यक्ष प्रतीक देव वर्मन ने अन्य साजिशकर्ताओं संग मिलकर लगभग 600 उपद्रवियों को भड़ेवरा बाजार चौराहे पर एकत्रित किया। फिर रामपुर से कोहड़ार जाने वाले एनएच 35 पर जाम लगा दिया। समझाने पर उपद्रवियों ने पुलिस टीम पर हमला किया और राहगीरों के साथ मारपीट करते हुए उनके वाहनों के साथ ही पुलिस की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की।
कई दोपहिया वाहनों में आग भी लगा दी गई। इससे पहले पुलिस ने देर रात तक वीडियो व सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की उपद्रवियों की पड़ताल की। स्थानीय लोगों से पूछताछ करते हुए बवाल में शामिल 52 लोगों को चिह्नित किया गया।
पुलिस का दावा है कि जांच में यह बात सामने आई है कि भीम आर्मी के करछना तहसील के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व अन्य लोगों की साजिश से यह बवाल कराया गया।
बवाल में शामिल 52 नामजद आरोपी कोर्ट की अनुमति से जेल भेज दिए गए हैं। 23 अन्य आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं जिन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई हैं। -विवेक चंद्र यादव, डीसीपी यमुनानगर