मेजा, प्रयागराज (राजेश शुक्ला)। सावन का महीना भगवान शिव की विशेष आराधना और उपासना का पवित्र समय माना जाता है। इस महीने में घर पर रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है। बुधवार 23 जुलाई श्रावण माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को डोहरिया ग्राम सभा में पंडित दिनेश तिवारी के आवास पर आयोजित श्री रुद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन ज्योतिषाचार्य पंडित कमला शंकर उपाध्याय (निवासी भुईपारा-मेजा, प्रयागराज) के आचार्यत्व में शिवम तिवारी सपत्नीक श्रीमती प्रिया तिवारी द्वारा वैदिक मंत्रों से विधि-विधान से आहुत किया गया।
ज्योतिषाचार्य पंडित कमला शंकर उपाध्याय के अनुसार रुद्राभिषेक एक वैदिक अनुष्ठान है जिसमें शिवलिंग को दूध, दही, घी, शहद आदि विशेष सामग्रियों से स्नान करवाया जाता है। इस प्रक्रिया में ॐ नमः शिवाय या रुद्राष्टाध्यायी जैसे मंत्रों का जप करते हुए भगवान शिव की कृपा प्राप्त की जाती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित कमला शंकर उपाध्याय के अनुसार सावन मास भगवान शिव की आराधना का विशेष अवधि होती है। दरअसल इस महीने में सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथ में होता है। यह महीना शिवभक्तों के लिए अत्यंत पावन और शुभदायी माना गया है। सावन में घर पर रुद्राभिषेक करना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आध्यात्मिक और पारिवारिक सुख-समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करता है। रुद्राभिषेक एक प्राचीन वैदिक प्रक्रिया है जिसमें शिवलिंग का जल, दूध, शहद, दही, घी और गंगाजल आदि से अभिषेक कर शिव की उपासना की जाती है। इस पूजन को सावन मास में करना विशेष फलदायक होता है क्योंकि इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं।
सावन में रुद्राभिषेक करने के लाभ
इस महीने में भगवान शिव को जल अर्पित करने से वे विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं। रुद्राभिषेक, शिवभक्ति का उच्चतम स्वरूप है।
सावन में रुद्राभिषेक करने से संतान सुख, विवाह, नौकरी, धन, स्वास्थ्य, मानसिक शांति आदि सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। रुद्राभिषेक से जीवन में फैले कष्ट, ग्रह दोष, बुरी नजर और रोगों का शमन होता है।
श्रावण में रुद्राभिषेक करने से सप्त जन्मों के पाप भी समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग मिलता है। उक्त अवसर पर दया शंकर तिवारी, सुमित तिवारी, सौर्य तिवारी सहित भारी संख्या में शिवभक्त उपस्थित रहे।