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डीएम के निर्देश पर गौआश्रय स्थलों का हुआ औचक निरीक्षण

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प्रयागराज (राजेश सिंह)। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के द्वारा गौआश्रय स्थलों एवं केन्द्रों की व्यवस्थाओं का जायजा लिये जाने एवं गौआश्रय स्थलों में निराश्रित गौवंशों को उपलब्ध करायी जा रही आवश्यक मूलभूत सुविधाओं की अद्यतन स्थिति की जांच हेतु सम्बंधित खण्ड विकास अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाते हुए सम्बंधित विकास खण्ड में स्थित गौवंश आश्रय स्थलों का औचक निरीक्षण किए जाने के निर्देश दिए गए थे।

 जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में सभी सम्बंधित खण्ड विकास अधिकारियों के द्वारा उनके विकास खण्ड से सम्बंधित गौआश्रय स्थलों का शनिवार को औचक निरीक्षण किया गया और गौआश्रय स्थलों में साफ-सफाई की स्थिति, पंजीकृत गौवंशों के सापेक्ष उपस्थित गौवंशों की संख्या, गौवंश के स्वास्थ्य की स्थिति, पेयजल की व्यवस्था, चारा-चूनी-चोकर हरे चारा की उपलब्धता की स्थिति, गौआश्रय स्थल के चारों तरफ बाउंड्रीवाल की स्थिति, गौआश्रय स्थलों में कर्मचारियों की उपलब्धता, कम्पोस्ट खाद बनाये जाने की स्थिति, अभिलेखों के सत्यापन की स्थिति, सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था, गौशाला केन्द्र के नजदीकी चारागाह जहां नैपियर घास हरा चारा बोया गया है आदि बिंदुओं पर निरीक्षण कर आख्या प्रस्तुत की गयी।

जनपद प्रयागराज में कुल 132 गौशालाएं है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में 123 गौशालाएं है एवं शहरी क्षेत्र में 09 गौशालाएं है, जिनमें ग्रामीण क्षेत्र की सभी 123 गौशालाओं का सम्बंधित खण्ड विकास अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण किया गया l निरीक्षण में यमुनापार के विकास खण्ड कोरॉव, शंकरगढ, मेजा एवं जसरा में संचालित 63 गोशालाओं में से 19 गो-आश्रय स्थलों में हरे चारा की व्यवस्था नही है और हरे चारे के विकल्प के रूप में विकास खण्ड मेजा, माण्डा  एवं कोरॉव में जनपद स्तर से साईलेज की निर्धारित दर पर  साईलेज दिया जा रहा है जबकि वि0ख0 शंकरगढ एवं जसरा के गो आश्रय स्थलों में साईलेज उपलब्ध नही है। गंगापार में संचालित 60 गौ आश्रय स्थलो में से 12 गो आश्रय स्थलो में हरे चारे की व्यवस्था नही पायी गयी। वर्मीकम्पोस्ट केवल गाढाकटरा(श्ंाकरगढ), चैमलपुर(सहसो) एवं कॉटी(जसरा) को छोडकर कहीं नही बनाया जा रहा है। भगवतपुर की 04 गो आश्रय में कुल 07 गोवंश, विकास खण्ड जसरा अन्तर्गत गो आश्रय स्थलो में 07 गौवंश, सैदाबाद विकास खण्ड अन्तर्गत संचालित गो आश्रय स्थल 03  गौवंश, मेजा विकास खण्ड अन्तर्गत संचालित गो आश्रय स्थल में 04 गौवंश अस्वस्थ पाये गये जिनकी चिकित्सा चल रही है। गो आश्रय स्थल भटोती (मेजा) एवं मेंडारा (श्रंगवेरपुर) को छोडकर कही भी सी0सी0टी0वी की व्यवस्था नही पायी गयी। समस्त गो आश्रय स्थलों में एफ0एम0डी0 टीकाकरण कार्य किया जा चुका है तथा समस्त गो आश्रय स्थलो पर गोपालक एवं रात्रिकालीन चौकीदार नियुक्त है।  

जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारियों की निरीक्षण आख्या के आधार पर  जिन गौशालाओं में निरीक्षण के दौरान कमियाँ पायी गयी हैं संबंधित ग्राम सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया  है  और कमियों को ठीक कराते हुए गौशालाओं में सभी आवश्यक व्यवस्थायें चुस्त-दूरूस्त बनाये रखने के निर्देश दिए है। उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि जिन गौशालाओं में अभी तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लग पाये है, जहां पर पशुओं का टीकाकरण नहीं हो पाया है या जिन गौशालाओं में साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक ढंग से नहीं पायी गयी है, इसके साथ ही साथ गौशालाओं में जल जमाव, कीचड़ या अन्य कमियां पायी गयी है, उनकों प्राथमिकता पर ठीक कराने के निर्देश दिए है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि उनके द्वारा भी समय-समय पर गौशालाओं का निरीक्षण किया जायेगा और निरीक्षण में यदि कहीं पर भी कोई कमी पायी गयी, तो सम्बंधित ग्राम सचिव की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा है कि गौवंशों का शत-प्रतिशत टीकाकरण करा लिया जाये। छुट्टा घूमने वाले निराश्रित गौवंशों को अनिवार्य रूप से गौसरंक्षण केन्द्रों में संरक्षित किया जाये।

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