प्रयागराज (राजेश सिंह)। डीआईजी जेल ने सोमवार को जिला जेल का निरीक्षण किया। इस दाैरान जिला जेल गेट पर नकदी बरामद होने पर उन्होंने स्थानीय जेल प्रशासन से पूछताछ की। साथ ही नाराजगी जताई और जांच के आदेश दिए। दूसरी ओर वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने जहां नकदी मिलने की बात खारिज कर दी। वहीं सिपाहियों का कहना है कि मुलाकात के लिए आने वाले बंदियों के परिजनों ने कूपन के लिए रुपये जमा किए थे। वहीं सोशल मीडिया पर डीआईजी के निरीक्षण में लाखों की नकदी मिलने की बात तेजी से वायरल हो रही है।
तीन दिनों की छुट्टी के बाद सोमवार को जिला जेल में मुलाकातियों की भीड़ उमड़ पड़ी। ऐसे में छह बजे के बाद तक बंदियों से मुलाकात का क्रम चलता रहा जबकि नियमानुसार पांच बजे तक का समय निर्धारित है। इसकी जानकारी मिलने पर जेल डीआईजी देर शाम अचानक निरीक्षण के लिए पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, गेट पर ही सिपाहियों के पास काफी नकदी मिलने पर उन्होंने हैरानी जताई। पूछताछ में संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर उन्होंने जांच के निर्देश दिए।
बताया जा रहा है कि सामान्य तौर पर प्रतिदिन चार शिफ्टों में मुलाकात कराई जाती है लेकिन सोमवार को मुलाकातियों की भीड़ अधिक होने के कारण शिफ्ट चार से बढ़कर सात कर दी गई थी। इस कारण मुलाकात देर शाम तक चलती रही। इस दाैरान डीआईजी जेल राजेश कुमार श्रीवास्तव पहुंचे। निरीक्षण के दाैरान वहां मौजूद सिपाहियों के पास नकदी देखकर उन्होंने पूछताछ की। इस पर सिपाहियों ने सफाई दी। इसके बाद उन्होंने जेल प्रशासन से भी जवाब तलब किया। साथ ही जांच के आदेश दिए।
दूसरी ओर सोशल मीडिया पर सोमवार देर शाम से डीआईजी जेल के निरीक्षण और लाखों की नकदी मिलने की खबर वायरल होने लगी। मामले में वरिष्ठ जेल अधीक्षक जिला जेल अमिता दुबे ने बताया कि डीआईजी जेल द्वारा गेट पर तथा जेल के अंदर निरीक्षण किया गया। कई दिनों बात मुलाकात होने के कारण आम दिनों की अपेक्षा भीड़ अधिक थी। नकदी मिलने की बात गलत है।