Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

‘मोहन भागवत को भी फंसाने की साजिश थी’, मालेगांव विस्फोट मामले मे

sv news

 मुंबई। मालेगांव विस्फोट कांड की जांच करने वाली एटीएस टीम का हिस्सा रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी महबूब मुजावर ने एनआइए कोर्ट को बताया है कि उन्हें उस टीम में रहते हुए कुछ ऐसे काम करने को कहा गया, जिनका मालेगांव कांड से कोई वास्ता ही नहीं था। ऐसे ही कामों में से एक था-तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नए-नए सरसंघचालक बने मोहन भागवत को गिरफ्तार करना। कोर्ट के फैसले की विस्तृत प्रति सामने आने पर ही पता चलेगा कि कोर्ट ने उनके दावों पर क्या टिप्पणियां की हैं।

मामले की जांच गलत दिशा में मोड़ दी गई

गुरुवार को आए फैसले पर खुशी जताते हुए महबूब मुजावर बताते हैं कि इस मामले की पूरी जांच ही फर्जी थी। उनके अनुसार, सोलापुर में कुछ साहसिक अभियानों का नेतृत्व करने के कारण उन्हें श्कवरिंग पार्टीश् के रूप में एटीएस की उस 10 सदस्यीय टीम का हिस्सा बनाया गया था, जो मालेगांव विस्फोट कांड की जांच कर रही थी। वह कहते हैं कि मालेगांव में विस्फोट तो हुआ, लेकिन उसकी जांच गलत दिशा में मोड़ दी गई।

आरोपियों को पहले ही उतारा मौते के घाटर: महबूब मुजावर

उन्होंने इस बात के तथ्य अदालत में पेश किए हैं कि जिन दो आरोपितों रामजी कालसंगरा एवं संदीप डांगे को एटीएस भगोड़ा बताकर ढूंढने का नाटक करती रही, उन्हें तो पुलिस पहले ही मार चुकी थी। इसके अलावा एक तीसरे व्यक्ति दिलीप पाटीदार को भी पुलिस खत्म कर चुकी है, जिसे कभी इस मामले में आरोपित बनाया ही नहीं गया।

मुजावर कहते हैं कि रामजी कालसंगरा और संदीप डांगे की जगह साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (अब सेवानिवृत्त) का नाम आरोपित के रूप में शामिल कर एक फर्जी जांच शुरू की गई। वह एटीएस के तत्कालीन उपप्रमुख परमबीर ोसह की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि एक श्गलत व्यक्तिश् के द्वारा की गई श्गलत जांचश् का परिणाम आज सामने आ गया है। इसी कड़ी में मुजावर कहते हैं कि उन्हें इसी मामले में उनके अधिकारियों ने संघ प्रमुख मोहन भागवत तो गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। न मानने पर मुझे ही निलंबित कर कुछ झूठे मामलों में फंसा दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि अपने मामले की जांच के दौरान ही उन्होंने मालेगांव कांड में चल रही फर्जी जांच के दस्तावेज एनआइए कोर्ट को सौंप दिए थे। अब उन्हें इंतजार है कोर्ट द्वारा उनके दस्तावेजों पर की गई टिप्पणी का।

إرسال تعليق

0 تعليقات

Top Post Ad