Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile Aaradhya beauty parlour

यूपी में सस्ता बिजली कनेक्शन रोकने का खेल

sv news

प्रयागराज/लखनऊ (राजेश सिंह)। यूपी के बिजली विभाग का खेल ही निराला है। एक ओर विभाग टेंडर जारी कर 100 करोड़ की लागत से 13 लाख सिंगल फेज इलेक्ट्रॉनिक मीटर की खरीदी करा रही है। दूसरी ओर उसने 10 सितंबर को एक आदेश निकाल दिया कि अब नए कनेक्शन सिर्फ स्मार्ट प्रीपेड मोड में ही दिए जाएंगे।

मतलब बिजली उपभोक्ता को जो कनेक्शन सस्ता मिलता, उसकी कीमत चुपके से बढ़ा दिया गया। वह भी बिना नियामक आयोग की मंजूरी और स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर जारी किए। बिजली विभाग की इस मनमानी के खिलाफ नियामक आयोग में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की ओर से लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल किया गया है।

100 करोड़ के टेंडर से खरीदे जा रहे पुराने मीटर

प्रदेश में सिंगल फेज के नए कनेक्शन के लिए 13 लाख मीटर की खरीदी की जा रही है। इसका टेंडर मध्यांचल बिजली वितरण निगम ने 29 अगस्त को खोला था। मध्यांचल की ओर से ही सभी कंपनियों के लिए ये मीटर खरीदे जा रहे हैं। पहले सिंगल फेज का जो मीटर जीएसटी सहित 872 रुपए के लगभग पड़ रहा था, उसकी कीमत नए टेंडर में जीएसटी सहित 720 रुपए आई है।

नई कास्ट डाटा बुक सितंबर में फाइनल होने पर जो सिंगल फेज कनेक्शन अभी 1032 रुपए में पड़ रहा है, वो 152 रुपए सस्ता हो जाता। ये राहत मीटर की कीमत कम होने के चलते मिलती। पर अब पावर कॉर्पाेरेशन कह रहा है कि नए कनेक्शन सिर्फ स्मार्ट प्रीपेड मोड में ही दिए जाएंगे।

मतलब साफ है कि ये सस्ते कनेक्शन रोकने का षड्यंत्र है। अभी स्मार्ट प्रीपेड मीटर का कोई टेंडर ही जारी नहीं हुआ है। फिर तत्काल ऑर्डर कैसे। आरडीएसएस मीटर नए कनेक्शन पर नहीं लगाए जा सकते। सबूतों के साथ उत्तर प्रदेश उपभोक्ता परिषद ने इस मामले में नियामक आयोग को अवगत कराया है कि कैसे यूपी में यह खेल चल रहा है।

नए कनेक्शन छह गुना महंगा हो जाएगा

पावर कार्पाेरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने 10 सितंबर को एक आदेश जारी कर स्मार्ट मीटर वाले इलाकों में नए कनेक्शन, खराब मीटर बदलवाने या भार वृद्धि पर केवल प्रीपेड स्मार्ट मीटर ही लगेगा। जबकि इसके लिए कार्पाेरेशन ने नियामक आयोग की अनुमति लेना भी जरूरी नहीं समझा। जी कमेटी से भी अनुमोदन लेना उचित नहीं समझा। यहां तक कि बिना टेंडर के स्मार्ट प्रीपेड मीटर का ऑर्डर भी जारी कर दिया गया।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने सवाल उठाते हुए कहादृ ष्आरडीएसएस योजना के तहत खरीदे गए मीटरों पर उपभोक्ताओं से पैसे नहीं वसूले जा सकते, जैसा कि केंद्र सरकार और आयोग के आदेश हैं। पुरानी कास्ट डाटा बुक के प्रीपेड मीटर लगवाने पर सबसे गरीब उपभोक्ता को 1 किलोवाट कनेक्शन के लिए अब 1032 रुपए के बजाय 6166 रुपए चुकाने पड़ेंगे। वहीं, 5 किलोवाट कनेक्शन के लिए 7057 रुपए से बढ़कर 15470 रुपए हो जाएगा। यह फैसला छोटे उपभोक्ताओं पर भारी पड़ेगा।

अभी सिंगल फेज मीटर की कीमत 872 रुपए है, लेकिन स्मार्ट प्रीपेड के लिए 6016 रुपए लगेंगे। थ्री फेज मीटर पर तो 2921 से 11341 रुपए तक का बोझ बढ़ जाएगा। निजीकरण के बाद ओडिशा में 1 किलोवाट कनेक्शन 4500 रुपए में मिलता है, लेकिन यूपी में 6000 से ऊपर खर्च करने पड़ेंगे।

आयोग में प्रस्ताव, निजीकरण का विरोध

अवधेश वर्मा ने गुरुवार को नियामक आयोग के सामने इस मसले को रखते हुए लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल किया है। उन्होंने सवाल उठाया है कि बिना अनुमति के स्मार्ट प्रीपेड की दरें कैसे तय कर दी गई हैं? आरोप लगाया कि यह आदेश निजी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए है। लेकिन इससे आम उपभोक्ताओं का नुकसान होगा। परिषद ने मांग की है कि फैसला रद्द हो और जांच हो।

إرسال تعليق

0 تعليقات

Top Post Ad