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विधिक कुंभः समाज परिवर्तन की प्रेरणा पर किया मंथन, युवाओं की संवैधानिक समझ ही भारत का भविष्य

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प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के कृष्णार्पित इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में लीगल चौरियट और शंख इनिशिएटिव के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय श्विधिक कुंभ यूथ कन्वेंशनश् का रविवार को समापन हुआ। इस सम्मेलन में देशभर से 400 से अधिक विधि छात्रों, शोधार्थियों और युवा प्रतिनिधियों ने भाग लेकर विधिक एवं नीतिगत मुद्दों पर गहन चर्चा की।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डिप्टी सॉलिसिटर जनरल शिवकुमार पाल ने कहा, ष्भारत का विधिक भविष्य युवाओं की ऊर्जा, दृष्टि और संवैधानिक समझ पर निर्भर करता है। जब युवा न्याय, नैतिकता और संवैधानिकता के पक्ष में खड़े होते हैं, तभी समाज में वास्तविक परिवर्तन की शुरुआत होती है।ष् उन्होंने युवाओं से विधि को केवल एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का सशक्त माध्यम समझने का आह्वान किया।

सम्मेलन की एक प्रमुख विशेषता इसकी आठ समितियाँ थीं, जिनमें लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (न्छदृळ।), यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल (न्छदृभ्त्ब्), ।प्ैड (ऑल इंडिया स्टूडेंट मीट), इंडियन मीडिया कॉन्क्लेव और इंटरनेशनल प्रेस शामिल थीं। इन समितियों में संविधान, मानवाधिकार, पर्यावरण, तकनीकी कानून, न्यायिक सुधार, शिक्षा और मीडिया उत्तरदायित्व जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।

समापन सत्र में हिमांशु ने स्वागत भाषण दिया, जबकि अभिषेक वर्मा ने परिचयात्मक संबोधन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की रिपोर्ट युवराज बुंदेला ने साझा की। समापन सत्र का संचालन डॉ. मृत्युंजय राव परमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन जय मिश्रा ने दिया।

मुख्य अतिथि शिवकुमार पाल ने आठों समितियों के सर्वश्रेष्ठ डेलीगेट्स और सर्वश्रेष्ठ स्पीकर्स को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन युवाओं को विचारशील नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करेगा और भविष्य में नीति-निर्माण में उनकी भूमिका को सशक्त बनाएगा।

समापन अवसर पर एक सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया, जिसमें सोलो डांस और ग्रुप सॉन्ग की प्रस्तुतियाँ दी गईं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और सामूहिक समूह फ़ोटो के साथ हुआ। आयोजकों ने बताया कि दो दिवसीय विमर्श से प्राप्त विचारों को संकलित कर एक श्युवा घोषणा-पत्रश् तैयार किया गया है। यह घोषणा-पत्र भविष्य में विधिक और नीतिगत चर्चाओं में युवाओं की भागीदारी को नई दिशा देगा।

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