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लौहपुरुष सरदार पटेल की जयंती पर मनाया जा रहा राष्ट्रीय एकता दिवस

 

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प्रयागराज (राजेश सिंह)।  यमुनानगर शुक्रवार को पुलिस उपायु्कत यमुनानगर विवेक चंद यादव द्वारा यमुनानगर जोन के थाना नैनी अंतर्गत राष्ट्रीय एकता, अखंडता और समरसता के प्रतीक लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित "रन फॉर यूनिटी" प्रोग्राम में फ्लैग ऑफ/प्रतिभाग किया गया।

पूरा देश लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मना रहा है। भारत को एक सूत्र में पिरोने वाले इस महान नेता ने आज़ादी के बाद जो काम किया। वही आधुनिक भारत की सबसे मजबूत नींव बनी। 560 रियासतों को एक सूत्र में बांध दिया था।

1947 में जब देश आज़ाद हुआ तब पूरा उपमहाद्वीप ब्रिटिश शासन और 560 से ज्यादा रियासतों में बंटा हुआ था। उस नाजुक दौर में सरदार पटेल ने अपने सचिव वी.पी. मेनन के साथ दिन-रात काम करते हुए इन रियासतों को भारत में मिलाने की ऐतिहासिक पहल की। उन्होंने “एग्रीमेंट ऑफ एक्सेशन” के जरिए राजाओं को यह यक़ीन दिलाया कि भारत की ताकत केवल एकता में है।

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सरदार पटेल के इस कूटनीतिक कौशल का नतीजा था कि 1949 के मध्य तक हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर को छोड़कर लगभग सभी रियासतें भारतीय संघ में शामिल हो गईं। सरदार पटेल ने कहा था – भारत की एकता बल से नहीं, विश्वास से प्राप्त हुई है।

देश के पहले गृह मंत्री के रूप में पटेल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की नींव रखी। उनका मानना था कि यही संस्थाएं कुशल शासन के जरिए भारत को मजबूत करेंगी। यही उनके "इस्पाती ढांचे" की अवधारणा थी जो आज भी देश को संचालित कर रही है।

 ‘रन फॉर यूनिटी’ और एकता परेड

सरकार ने 2014 में उनके जन्मदिन 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस घोषित किया। इस मौके पर देशभर में ‘रन फॉर यूनिटी’ और एकता परेड का आयोजन किया जाता है। 

इस साल जब देश सरदार पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है, तो उनका संदेश पहले से कहीं ज्यादा प्रासंगिक है — एकता कोई उत्सव नहीं, यह नागरिक जिम्मेदारी है।

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