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प्रयागराज: दो दिवसीय “विधिक कुंभ यूथ कन्वेंशन” का हुआ भव्य शुभारंभ



भारत के विभिन्न राज्यों से आए 400 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा, आठ विशेष समितियों में हुई ऐतिहासिक चर्चा

प्रयागराज (राजेश सिंह)। कृष्णार्पित इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में लीगल चैरियट एवं शंख इनिशिएटिव के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय “विधिक कुंभ यूथ कन्वेंशन” का शुभारंभ आज विधिवत दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। देशभर से आए 400 से अधिक प्रतिभागियों ने इसमें भाग लिया। इस आयोजन का उद्देश्य भारत की विधिक एवं नीतिगत चुनौतियों पर युवा दृष्टिकोण से विचार-विमर्श करना तथा उन्हें समाधानपरक नीति-निर्माण की दिशा में उन्मुख करना है।

उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी साकेत मिश्रा, कॉमनवेल्थ यूथ काउंसिल के प्रतिनिधि एवं पूर्व Y20 इंडिया संयोजक अजय कश्यप, प्रयागराज स्थित एलडीसी पब्लिक स्कूल की निदेशक श्रीमती पूजा गुप्ता, तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी एवं आधुनिक यूरोपीय भाषा विभाग के सहायक आचार्य डॉ. मृत्युंजय राव परमार उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में साकेत मिश्रा ने कहा कि युवा ही राष्ट्र की वास्तविक ऊर्जा हैं और उनकी सोच और शोध ही आने वाले भारत की विधिक दिशा को तय करेंगे। उन्होंने कानून और समाज के बीच गहरे संबंधों पर प्रकाश डालते हुए युवाओं से आग्रह किया कि वे विधिक ज्ञान को समाजोपयोगी कार्यों से जोड़ें।

अजय कश्यप ने युवाओं को वैश्विक मंचों पर भारत की बढ़ती भूमिका से अवगत कराते हुए कहा कि नीति-निर्माण की प्रक्रिया में युवाओं की सक्रिय भागीदारी आज समय की मांग है। उन्होंने कॉमनवेल्थ और Y20 के अनुभव साझा करते हुए प्रतिनिधियों को वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करने का आह्वान किया।

श्रीमती पूजा गुप्ता ने शिक्षा और विधि के बीच अंतर्संबंध पर बल देते हुए कहा कि एक सशक्त समाज के निर्माण के लिए युवा वर्ग को विधिक जागरूकता और सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ आगे बढ़ना होगा।

डॉ. मृत्युंजय राव परमार ने कहा कि यह सम्मेलन न केवल विधिक विमर्श का मंच है बल्कि यह बौद्धिक आदान-प्रदान और नई संभावनाओं की खोज का अवसर भी है।

कार्यक्रम के अंतर्गत आठ विशेष समितियों का गठन किया गया, जिनमें प्रतिभागियों ने संविधान, नीति, अंतरराष्ट्रीय विधि, मानवाधिकार, शिक्षा, पर्यावरण, तकनीकी कानून एवं न्यायिक सुधार जैसे विषयों पर गहन चर्चा की। आयोजन समिति ने बताया कि दूसरे दिन प्रतिभागियों की सिफारिशों और नीतिगत सुझावों का संकलन कर “युवा घोषणा-पत्र” प्रस्तुत किया जाएगा।

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