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भाजपा में पक रही खिचड़ी, उबाल का इंतजार, प्रयागराज जिला कार्यकारिणी का पुनर्गठन अटका!

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। कभी इस शहर ने भाजपा को राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष दिया। इस दल की बड़ी गतिविधियां भी यहीं से संचालित होती थीं। अब वहीं पार्टी आपसी खींचतान से जूझ रही है। आठ महीने से जिला कार्यकारिणी की बैठक पर विराम लगा है। 
कार्यकारिणी के लिए नाम तय हैं, औपचारिकताएं पूरी हैं, मगर प्रदेश मुख्यालय की तरफ से हरी झंडी मिलनी बाकी है। कारण कुछ भी हो, मगर सच क्या है, इसपर कानाफूसी है। खिचड़ी पक रही है मगर उबाल बाकी है। किसका आदमी रहेगा, किसका कद घटेगा और किसे किनारे कर दिया जाएगा यह स्क्रिप्ट लिखी जा रही है।

भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने मार्च में 70 जिलों के अध्यक्ष घोषित किए। प्रयागराज में गंगापार, यमुनापार और महानगर इकाई को नया नेतृत्व मिला। उम्मीद थी जल्द समूची जिला इकाई की घोषणा कर दी जाएगी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका।
प्रदेश नेतृत्व से अनुमति न मिलने से पदाधिकारियों की नियुक्ति फंसी है। इससे आठ महीने में कार्यकारिणी की बैठक नहीं हुई। पूर्व पदाधिकारियों व अन्य वरिष्ठ नेताओं से समन्वय बनाकर प्रदेश नेतृत्व से आने वाले अभियान और कार्यक्रमों को लक्ष्य तक पहुंचाया जा रहा है। बहुत सी चीजें सीधे तौर पर लखनऊ से संचालित हो रही हैं।

महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता बताते हैं कि मंडल स्तर तक की इकाई गठित हो चुकी है। जिले के पदाधिकारियों की सूची तैयार है। उसकी घोषणा लखनऊ से निर्देश मिलने के बाद होगी। इसके पहले पार्टी को केंद्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा। उसके बाद क्षेत्र अध्यक्ष पर निर्णय लिया जाएगा तभी जिला इकाई के पदाधिकारी घोषित होंगे।

इसी तरह गंगापार अध्यक्ष निर्मला पासवान व यमुनापार अध्यक्ष राजेश शुक्ल ने भी जिला कार्यकारिणी की बैठक नहीं की है। इन जिलों में पूर्व के अध्यक्षों ने बैठक कर श्रीअन्न के प्रति प्रचार प्रसार, महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत और व्यवस्था में सहयोगी बनने व मंडल अध्यक्षों के स्वागत आदि के साथ सदस्यता अभियान की समीक्षा व कार्ययोजना पर विमर्श किया था।

भाजपा की महानगर जिला कार्यकारिणी की अंतिम बैठक नवंबर 2024 में हुई थी। इसकी अध्यक्षता महानगर में तत्कालीन जिलाध्यक्ष राजेंद्र मिश्र ने की थी। उस समय मंडल अध्यक्षों की घोषणा की गई थी। भाजपा के शीर्ष नेता शायद भूल चुके हैं कि यह शहर पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी का है। भाजपा की रणनीति उनके जार्जटाउन स्थित निवास आंगिरस से तय होती थी। उनके समय के पूर्व मंत्री डा. नरेन्द्र सिंह गौर, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेन्द्र देव पांडेय, पूर्व विधायक प्रभाशंकर पांडेय जैसे खांटी भाजपाई मुख्य धारा से अलग-थलग हैं।

वहीं पार्टी की नई पीढ़ी अपने अस्तित्व व कद और भविष्य को लेकर तरह-तरह की कवायद में जुटी है। ऐसे में पुराने और नए की भंवर में भी पार्टी फंसी दिखाई दे रही है। नतीजा तभी मालूम पड़ेगा, जब पार्टी को नया राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। ऐसा लखनऊ मुख्यालय से जारी संदेश में कहा गया है।

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