प्रयागराज (राजेश सिंह)। संस्थान के इलेक्ट्रॉनिक्स व संचार अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दीपक पुनेठा के निर्देशन में शोधकर्ताओं की टीम को यह सफलता मिली है। अंतरराष्ट्रीय जर्नल ऑफ पॉवर सोर्स में प्रकाशित इस शोध में दावा किया गया है यह तकनीक बैटरी रहित स्वास्थ्य निगरानी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अब खास तरह का सेंसरयुक्त दस्ताना आपके पसीने और सांस के संपर्क में आते ही शरीर में पनप रही बीमारी के संकेत देगा। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के विज्ञानियों ने ऐसा दस्ताना तैयार किया है जो सांस व पसीने से निकलने वाले वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (वीओसी) का पता लगाकर विभिन्न बीमारियों की पहचान कर लेगा।
संस्थान के इलेक्ट्रॉनिक्स व संचार अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दीपक पुनेठा के निर्देशन में शोधकर्ताओं की टीम को यह सफलता मिली है। अंतरराष्ट्रीय जर्नल ऑफ पॉवर सोर्स में प्रकाशित इस शोध में दावा किया गया है यह तकनीक बैटरी रहित स्वास्थ्य निगरानी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह तकनीक शरीर से उत्पन्न ऊर्जा या परिवेशीय प्रकाश से स्वयं को संचालित कर सकती है। इससे रीयल-टाइम स्वास्थ्य निगरानी संभव हो सकेगी। विज्ञानियों को उम्मीद है कि दस्ताने के पेटेंट को जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूपीसीएसटी) ने अनुदान भी दिया था।
ऐसे काम करेगा सेंसर
डॉ. पुनेठा ने बताया कि स्व-उर्जित सेंसर पाइजोइलेक्ट्रिक नैनो जनरेटर के रूप में कार्य करता है, जो पाइजोइलेक्ट्रिक प्रभाव के माध्यम से परिवेशीय यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत संकेतों में परिवर्तित करता है। उत्पन्न ऊर्जा सेंसर को सक्रिय रखती है, जिनसे यह सांस व पसीने में मौजूद वीओसी जैसे एसीटोन, एथेनॉल और अमोनिया का पता लगाता है, जो बीमारियों में पाए जाते हैं।
इनकी पहचान के लिए दस्ताने तैयार
1. अस्थमा
2. फेफड़ों का कैंसर
3. मधुमेह
4. लिवर की बीमारी
5रू किडनी की बीमारी
6. कोविड
7. गैस्ट्रिक संक्रमण
8. हृदय संबंधी बीमारी