वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ कर 42 नाम जोड़ने का था आरोप
हाई कोर्ट ने कहा- मतदाता सूची बनाना चुनाव अधिकारी का काम
सीजेएम सिद्धार्थनगर की अदालत में आपराधिक केस था विचाराधीन
प्रयागराज (राजेश सिंह)। मोहाना थाना क्षेत्र में झांगती की ग्राम प्रधान जान्हवी मणि त्रिपाठी के खिलाफ सीजेएम सिद्धार्थनगर की अदालत में चल रही आपराधिक केस कार्रवाई रद कर दी है। याची पर वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ 42 नाम जोड़ने व धोखाधड़ी का आरोप था। यह आदेश न्यायमूर्ति पदम नारायण मिश्र ने जान्हवी की याचिका स्वीकार करते हुए दिया है।
कोर्ट ने कहा, ग्राम पंचायत चुनाव की मतदाता सूची सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी की गई थी। वोटरलिस्ट तैयार करने में चुनी गई ग्राम प्रधान ( याची) की कोई भूमिका नहीं थी। हारे हुए प्रत्याशी लोकेश्वर त्रिपाठी के बयान पर याची को भी लपेटा गया है। वोटरलिस्ट बनाना चुनाव अधिकारी का काम है, याची का नहीं। याची के खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई सबूत नहीं है।
महराजगंज में दर्ज थी एफआइआर
याची की तरफ से अधिवक्ता सैयद वाजिद अली ने बहस की। महराजगंज के मोहाना थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 419,420,467,468व धारा 1136(2) जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अंतर्गत एफआइआर दर्ज की गई थी। इसमें ग्राम विकास अधिकारी, खंड विकास अधिकारी व अपर खंड विकास अधिकारी को आरोपित बनाया गया है।
वैधता को दी गई थी चुनौती
पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की। चुनाव अधिकारी लिपिक बालकृष्ण व याची जान्हवी मणि त्रिपाठी को भी आरोपित बनाया गया। सीजेएम सिद्धार्थ नगर की अदालत में आपराधिक केस विचाराधीन था। इसकी वैधता को चुनौती दी गई थी। वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ कर 42 नाम जोड़ने और चुनाव जीतने का आरोप लगाया गया।
हारे प्रत्याशी ने दायर की थी चुनाव याचिका
हारे हुए प्रत्याशी ने चुनाव याचिका भी दायर की है। उसके बयान पर याची को आपराधिक केस में आरोपित किया गया था। इसे कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग माना गया। कहा गया कि याची के खिलाफ अपराध में शामिल होने का सबूत नहीं है। एफआइआर में वह नामित नहीं थी। राजनैतिक कारणों से हारे प्रत्याशी के बयान पर उसे फंसाया गया है। उसके खिलाफ कोई केस नहीं बनता।
