प्रयागराज (राजेश सिंह)। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज के जनसंचार विभाग के छात्रों ने शनिवार, 8 नवम्बर 2025 को एक प्रेरणादायक और यादगार अनुभव प्राप्त किया, जब उन्हें बनारस से खजुराहो तक चलने वाली नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा करने का अवसर मिला। यह यात्रा उनके लिए केवल एक सफर नहीं, बल्कि आधुनिक भारत की तकनीकी प्रगति, विकास की रफ्तार और पत्रकारिता के व्यावहारिक ज्ञान का जीवंत अनुभव थी।
इस शैक्षणिक यात्रा में जनसंचार विभाग के समन्वयक डॉ. अख्तर आलम भी उपस्थित रहे। उन्होंने इस यात्रा को छात्रों के लिए एक फील्ड लर्निंग अनुभव बताते हुए कहा कि ऐसे अवसर विद्यार्थियों को वास्तविक दुनिया से जोड़ते हैं और उनके व्यक्तित्व एवं दृष्टिकोण का विस्तार करते हैं। यात्रा में प्रमुख रूप से दीक्षा द्विवेदी, प्रज्ञा मिश्रा, आयुषी उपाध्याय और राजकुमार सहित डॉ. हरप्रीत कौर सम्मिलित रहीं। सभी छात्रों ने इस अवसर पर रिपोर्टिंग, फोटोग्राफी, इंटरव्यू और डॉक्यूमेंटेशन के माध्यम से अपनी सीख को व्यावहारिक रूप में उतारा।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसी दिन वाराणसी रेलवे स्टेशन से बनारस-खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भी इस ऐतिहासिक अवसर पर मौजूद रहे। स्टेशन को फूलों, झंडों और रोशनी से सजाया गया था। उद्घाटन के दौरान यात्रियों और स्थानीय नागरिकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। प्रयागराज के छिवकी स्टेशन पर भी ट्रेन का गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहाँ लोगों ने भारत की इस आधुनिक उपलब्धि पर गर्व प्रकट किया।
वंदे भारत एक्सप्रेस ने पूर्वांचल और बुंदेलखंड के बीच नयी रेल कड़ी स्थापित की है। यह आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित ट्रेन लगभग 10 घंटे की यात्रा को मात्र 7 घंटे 45 मिनट में पूरी करती है। यात्रियों को आरामदायक सीटें, डिजिटल डिस्प्ले, वाई-फाई कनेक्टिविटी और स्वचालित दरवाजों जैसी सुविधाएँ प्रदान की गई हैं। यह न केवल यात्रियों के लिए समय और सुविधा का माध्यम है, बल्कि क्षेत्र के पर्यटन और आर्थिक विकास में भी नई गति भर रही है।
हिंदी विश्वविद्यालय प्रयागराज केंद्र के विद्यार्थियों ने इस यात्रा के दौरान यात्रियों से संवाद स्थापित कर उनके अनुभवों को रिकॉर्ड किया, स्टेशन की गतिविधियों को कैमरे में कैद किया और मीडिया दृष्टिकोण से इस ऐतिहासिक पल का विश्लेषण किया। उन्होंने महसूस किया कि वंदे भारत सिर्फ एक ट्रेन नहीं, बल्कि “नए भारत की तकनीकी सोच और आत्मनिर्भरता” का प्रतीक है।
इस यात्रा ने छात्रों में नई ऊर्जा, जिम्मेदारी और सीखने की भावना जगाई। उन्होंने न केवल यात्रा का आनंद लिया बल्कि यह भी समझा कि पत्रकारिता का असली उद्देश्य समाज के परिवर्तनशील आयामों को पहचानना और जनता तक सच्ची तस्वीर पहुँचाना है।
वंदे भारत एक्सप्रेस का यह सफर हिंदी विश्वविद्यालय के मीडिया के विद्यार्थियों के लिए अनुभव, उत्साह और प्रेरणा से भरा हुआ रहा — जिसने उन्हें भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने का सजीव अनुभव दिया। यह यात्रा कराने में उत्तर-मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अमित मालवीय सहित रेलवे के जनसंपर्क विभाग का सहयोग काफी सराहनीय रहा। इस यादगार यात्रा में भागीदार बनने के लिए विश्वविद्यालय की मा. कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा, केंद्र के अकादमिक निदेशक प्रो. अखिलेश कुमार दुबे सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने बधाई दी।
