Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile Aaradhya beauty parlour

यूपी में मध्यम जोखिम उद्योगों के लिए नई थर्ड पार्टी ऑडिट योजना लाग

sv news

लखनऊ। अब औद्योगिक प्रतिष्ठानों को निरीक्षण के नाम पर उत्पीड़न की शिकायत नहीं रहेगी। प्रदेश सरकार ने औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए जोखिम आधारित नई निरीक्षण प्रणाली लागू कर दी है। इसके तहत अब कम जोखिम वाले प्रतिष्ठानों को पांच वर्ष में केवल एक बार निरीक्षण का सामना करना होगा, जबकि मध्यम जोखिम वाले प्रतिष्ठानों का निरीक्षण थर्ड पार्टी आडिट के माध्यम से किया जाएगा। वहीं स्टार्टअप इकाइयों को 10 वर्ष तक निरीक्षण से छूट दी गई है। शासन ने इसके लिए पुरानी निरीक्षण व्यवस्था (2017) को खत्म करते हुए नई प्रक्रिया जारी की है।

अभी तक कम और मध्यम जोखिम वाले उद्योगों को विभागीय निरीक्षण कराना होता था। इसमें कई बार शिकायत आती थी। औद्योगिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, श्रमिकों के हितों की सुरक्षा करने और उद्योगों के लिए ईज आफ डुइंग बिजनेस को सरल बनाने के उद्देश्य से यह नई नीति लागू की गई है।

इसमें स्व-प्रमाणन और थर्ड पार्टी निरीक्षण की व्यवस्था को संस्थागत रूप दिया गया है। ऐसे प्रतिष्ठान जो कम जोखिम श्रेणी में आते हैं, उन्हें स्वप्रमाणन का विकल्प दिया गया है। इन प्रतिष्ठानों में पांच वर्ष में केवल एक बार निरीक्षण होगा और वह भी रैंडम आधार पर कुल इकाइयों के 20 प्रतिशत तक सीमित रहेगा।

निरीक्षण से 48 घंटे पूर्व नियोजक को सूचना देना अनिवार्य होगा। आवेदन श्रम विभाग के पोर्टल (नचसंइवनत.हवअ.पद) पर करना होगा। यदि 60 दिन में किसी कमी की सूचना नहीं दी जाती, तो आवेदन स्वीकृत माना जाएगा। शिकायत या दुर्घटना की स्थिति में ही अतिरिक्त निरीक्षण किया जा सकेगा। जो इकाइयां स्वप्रमाणन नहीं चुनेंगी, वे थर्ड पार्टी आडिट योजना में शामिल हो सकती हैं।

थर्ड पार्टी की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करने के बाद तीन वर्ष तक दोबारा निरीक्षण नहीं होगा। नई व्यवस्था से उद्योगों को पारदर्शी और सरल प्रणाली मिलेगी, जबकि श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। शासन का मानना है कि इससे औद्योगिक माहौल और बेहतर होगा। श्रम विभाग के प्रमुख सचिव डा. एमके शन्मुगा सुंदरम ने इस संदर्भ में श्रम आयुक्त पत्र जारी कर दिया है।

फर्म पंजीकरण के लिए एक लाख रुपये जमा करेंगे

मध्यम जोखिम श्रेणी के उद्योगों और प्रतिष्ठान स्वेच्छा से पंजीकरण कराकर श्रम कानूनों और तकनीकी नियमों के अनुपालन का ऑडिट करवा सकेंगे। श्रम विभाग से मान्यता प्राप्त थर्ड पार्टी आडिटर फर्में यह कार्य करेंगी। फर्मों को पंजीकरण के लिए एक लाख रुपये की सुरक्षा जमा करनी होगी, जो दो वर्ष के लिए वैध रहेगी। गलत रिपोर्ट पाए जाने पर राशि जब्त की जाएगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad