बेतिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (च्ड डवकप) की आठ नवंबर को बेतिया आगमन की तैयारी जोरों पर है। पीएम चनपटिया चीनी मिल के फॉर्म कुड़िया कोठी मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे। इस सभा को पश्चिमी और पूर्वी चंपारण की कुल 21 विधानसभा सीटों को साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
जिले की नौ सीटों बेतिया, चनपटिया, नौतन, लौरिया, नरकटियागंज, रामनगर व बगहा में फिलहाल भाजपा का कब्जा है। वाल्मीकिनगर सीट भाजपा की सहयोगी जदयू के पास है, जबकि सिकटा पर भाकपा माले का विधायक है।
इन सीटों पर भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करने और विपक्षी खेमे में सेंध लगाने की रणनीति के तहत प्रधानमंत्री की सभा को निर्णायक मान रही है। वहीं पूर्वी चंपारण की बारह सीटों रक्सौल, हरसिद्धि, गोविंदगंज, पिपरा, मधुबन, मोतिहारी, ढाका, केसरिया में भाजपा और एनडीए के घटक दलों का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
इनमें से केसरिया पर जदयू शेष पर भाजपा के विधायक चुनाव जीते हैं, जबकि सुगौली, नरकटिया, कल्याणपुर पर राजद का प्रभाव रहा है। इन तीनों सीट पर राजद काबिज का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह रैली पूर्वी चंपारण में भी एनडीए के लिए के लिए ऊर्जा संचारक मानी जा रही है।
एनडीए के नेताओं के अनुसार, प्रधानमंत्री की सभा के लिए जिले के साथ-साथ मोतिहारी, गोविंदगंज, सुगौली, रक्सौल, हरसिद्धि जैसे इलाकों से भी बड़ी संख्या में समर्थकों के पहुंचने की संभावना है। आयोजन स्थल को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम शुरू कर दिए हैं।
चुनावी पंडित का मानना है कि यह सभा न केवल दोनों चंपारण जिलों की राजनीतिक दिशा तय करेगी, बल्कि सीतामढ़ी, शिवहर और गोपालगंज की सीमावर्ती सीटों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा है। कुड़िया कोठी के चुनावी शतरंजी बिसात पर प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष को मात देंगे।
जिले के सीमांत इलाकों में भाजपा अपने पारंपरिक जनाधार को और मजबूत करने के साथ-साथ राजद और माले के प्रभाव वाले क्षेत्रों में सेंध लगाने की कोशिश में है।
नेताओं का कहना है कि मोदी की यह रैली चंपारण के राजनीतिक परिदृश्य में नया समीकरण तैयार कर सकती है। चुनाव के मद्देनजर सभी दलों की निगाहें अब कुड़िया कोठी की इस सभा पर टिक गई हैं।
