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प्रयागराज में हेड कांस्टेबल के बेटे को अध्यापक की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे 14 लाख रुपये

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। सेवानिवृत्त हेड कांस्टेबल के बेटे की सहायक अध्यापक पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर 14 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। आरोप है कि शातिरों ने सोनभद्र के एक सरकारी विद्यालय में नियुक्ति के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद के दो पत्र भी दिए। फर्जीवाड़े का पता चलने पर सिविल लाइंस थाना पुलिस ने मिर्जापुर के वासलीगंज निवासी मोहम्मद जमाल अख्तर, नैनी के एडीए कॉलोनी निवासी कौशलेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर के अनुसार फाफामऊ गांव चंदापुर निवासी देवकी नंदन त्रिपाठी ने बताया कि वह यूपी पुलिस से वर्ष 2021 में हेड कांस्टेबल के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सीओ नगर मिर्जापुर की पेशी में तैनाती के दौरान मो. जमाल अख्तर व कौशलेश शर्मा से उनकी मुलाकात हुई। ये दोनों अक्सर पुलिस कार्यालय आते रहते थे। इन दोनों ने कहा कि अगर कोई कैंडिडेट टीजीटी का है तो उसे परीक्षा में पास कराकर नियुक्ति पत्र दिला देंगे। शिक्षा विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी से जान पहचान है। झांसे में आकर उन्हाेंने कौशलेश से मोबाइल फोन के माध्यम से संपर्क किया और बताया कि बेटा रोहित त्रिपाठी टीजीटी परीक्षा में सम्मिलित होना चाहता है। इसके बाद उसने प्रयागराज के प्रधान डाकघर के पास बुलाया। वहां गया तो यहां पर जमाल भी साथ में था। आरोप है कि दोनों ने कहा कि बेटे को परीक्षा में पास कराकर नियुक्ति पत्र के लिए 14 लाख रुपये देने होंगे। एक हफ्ते बाद कौशलेश ने फोन कर अपने मकान पर बुलाया। वहां जमाल और उसकी पत्नी बानो साजिदा मिले। आरोप है कि जमाल ने कहा कि बेटे की नियुक्ति की बात फाइनल हो चुकी है और अधिकारी को रुपये देना है। उनके कहने पर आरटीजीएस, नकद और यूपीआई के माध्यम से कुल 14 लाख रुपये दे दिए। कौशलेश ने फोन पर कहा कि बेटा टीजीटी परीक्षा में पास हो गया है। इसके कुछ दिन बाद मिर्जापुर में बेटे के घर के पते पर डाक के माध्यम से प्रयागराज माध्यमिक शिक्षा परिषद का एक नियुक्ति पत्र मिला। इस पर उत्तर प्रदेश अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) के हस्ताक्षर भी बनाए गए थे। इस पत्र में सोनभद्र चहिरया राजकीय हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति की बात लिखी थी। बेटा गया तो पता चला कि इस पते पर इस नाम का विद्यालयही नहीं है। शिकायत करने पर कौशलेश ने कहा कि पता गलत टाइप हो गया है और जल्द ही दूसरा नियुक्ति-पत्र दिया जाएगा। दूसरा पत्र आया तो इसमें गांव का नाम चकरिया था। जांच करने पर पता लगा कि सोनभद्र में इस नाम का भी कोई विद्यालय नहीं है। जांच करने पर पता चला कि नियुक्ति-पत्र फर्जी है। जब रुपये वापस मांगे गए तो एक महीने में लौटाने का आश्वासन दिया। शिकायत में बताया कि वर्तमान में मोहम्मद जमाल अख्तर लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र में रहता है। वहीं, सिविल लाइंस थाना प्रभारी रामाश्रय यादव ने बताया प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

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