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प्रयागराज: भड़का ब्राह्मण समाज का गुस्सा, आईएएस के 'आपत्तिजनक बयान' के विरोध में फूंका पुतला

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर की गई एक आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर आक्रोश है। सोमवार को राष्ट्रीय परशुराम परिषद और परशुराम स्वाभिमान सेना के नेतृत्व में विरोध-प्रदर्शन हुआ। महिलाओं ने सिविल लाइंस में पत्थर गिरिजा से सुभाष चौराहे तक पैदल मार्च किया। सुभाष चौराहे पर आइएएस का पुतला फूंका। 
इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय परशुराम परिषद के जिलाध्यक्ष आस्तिक शुक्ला ने क कहा, आइएएस संतोष वर्मा ने हमारी माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान किया है। अब सबक सिखाने का वक्त आ गया है। उन्हें बर्खास्त कर उन पर मुकदमा दर्ज किया जाए। ऐसा न होने पर यहां मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। आस्तिक शुक्ला ने कहा, यह सड़क पर जलता पुतला सिर्फ कागज नहीं है, यह उन अपशब्दों और अपमानों की आग है जो अब खुलकर बाहर निकल आई है। यह समाज का उबाल है।
ब्राह्मण समाज की महिलाएं और बेटियां, जिन्होंने एक मौन और दृढ़ संकल्प के साथ पैदल मार्च निकाला। महिला मोर्चा की रंजना मिश्र ने कहा, एक जिम्मेदार अधिकारी जब समाज की बेटियों के बारे में इस तरह की घटिया सोच रखता है तो यह केवल बयान नहीं, बल्कि पूरे समाज पर हमला होता है। हम यह अपमान कतई नहीं सहेंगे और तब तक लड़ेंगे जब तक उस अधिकारी पर सख्त कार्रवाई नहीं हो जाती।
महिला मोर्चा की एक और सदस्य सुनीता त्रिपाठी ने कहा, हमारा विरोध चेतावनी भरा है। यह प्रशासन और सरकार के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि आप तुरंत उस अधिकारी को पद से हटाएँ, जिसने हमारी अस्मिता पर सवाल उठाया है।
परिषद के प्रदेश संरक्षक नवीन शुक्ला ने इस विरोध को पूरे देश में फैलने वाले आंदोलन की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा, यह गुस्सा ब्राह्मण समाज का उबाल है। अगर सरकार तत्काल कोई कठोर एक्शन नहीं लेती है, तो हम इस आंदोलन को प्रदेशव्यापी बनाएंगे। किसी भी अधिकारी को समाज की भावनाओं से खेलने का हक नहीं है।
इस मामले को कानूनी रूप देने की तैयारी भी शुरू हो गई है। परिषद से जुड़े अधिवक्ता शिवम शुक्ला ने कहा, इस मामले को केवल सड़क पर नहीं छोड़ेंगे। हम कानूनी रास्ता अपनाएंगे और संतोष वर्मा के खिलाफ मानहानि और समाज में विद्वेष फैलाने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराएंगे। कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है।
प्रदर्शन के दौरान लोगों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था – “हमारी बेटियों का अपमान बर्दाश्त नहीं” और “ब्राह्मणों के सम्मान में परशुराम परिषद मैदान में”। यह विरोध स्पष्ट रूप से दिखाता है कि आईएएस संतोष वर्मा की टिप्पणी ने समाज के एक बड़े वर्ग में गहरा रोष पैदा कर दिया है, जिसकी आंच अब दिल्ली और भोपाल तक महसूस की जाएगी। इस प्रदर्शन में नवीन शुक्ला, प्रमोद शुक्ला, मयंक चतुर्वेदी, राघवेंद्र मिश्रा, मनोज दुबे सहित रंजना मिश्र, सुनीता त्रिपाठी, माला चतुर्वेदी, जंबावती दुबे और शुभ्रा पाठक, मयंक चतुर्वेदी, राघवेंद्र मिश्रा, मनोज दुबे, देवेन्द्र शुक्ला, विनोद मिश्रा, बृजेश मिश्रा, सुनील दुबे, अतुल शुक्ला, संदीप शुक्ला, आदित्य प्रताप सिंह, स्वराज सिंह, यश तिवारी, विवेक शुक्ला, यशराज शुक्ला, प्रबल सोनी, अच्युतानंद पांडेय, अनिमेष शुक्ला, शिवा दुबे, राजन पांडे, शुभम पांडे सहित महिला मोर्चा की रंजना मिश्र, सुनीता त्रिपाठी, माला चतुर्वेदी, जंबावती दुबे और शुभ्रा पाठक मौजूद रहीं।

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