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प्रयागराज में सपा विधायक की शिकायत पर डीपीआरओ दफ्तर का बाबू निलंबित

SV News

सभी ब्लाकों में शुरू कराई गई जांच

प्रयागराज (राजेश सिंह)। हंडिया के विधायक की शिकायत पर वसूली के आरोप में निलंबित किए गए बाबू की जांच प्रयागराज के सभी 23 ब्लॉकों में शूरू करा दी गई है। विकास भवन में सफाई कर्मियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। हालांकि, बाबू को जिस कार्यालय से निलंबित किया गया है, वहीं अटैच कर दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले दिनों हुई दिशा की बैठक में हंडिया के विधायक हाकिम लाल बिंद ने जिला पंचायती राज अधिकारी (डीपीआरओ) कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक हरिकेश पांडेय पर सफाई कर्मियों से वसूली करने का आरोप लगाया था। विधायक का आरोप था कि सफाई कर्मियों को वेतन प्रोन्नति का लाभ देने के लिए तीन-तीन हजार रुपये की वसूली की गई। यह आरोप भी थे कि कनिष्ठ लिपिक ने पे-रोल के नाम पर भी सफाई कर्मियों से वसूली की और ट्रांसफार-पोस्टिंग की आड़ में भी धन उगाही की। विधायक ने आरोप लगाया था कि ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मचारियों का मनमाने तरीके से ट्रांसफर कर दिया जाता है और बाद में मनपसंद तैनाती स्थल पर वापसी के लिए उनसे वसूली की जाती है। आरोप है कि विभिन्न मामलों में साल भर में एक करोड़ रुपये तक की वसूली की जा चुकी है। इस शिकायत के बाद प्राथमिक जांच के आधार पर कनिष्ठ लिपिक को निलंबित कर दिया गया था और दिशा की ओर से मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) को विस्तृत जांच कराने के निर्देश दिए गए थे। सीडीओ ने जांच की जिम्मेदारी जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) जीपी कुशवाहा को सौंप दी थी। उन्होंने सभी 23 ब्लॉकों में तैनात सफाई कर्मचारियों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बुधवार को करछना व कौंधियारा ब्लॉक के सफाई कर्मचारियों से उनके लिखित बयान लिए गए। इससे पहले श्रृंगवेरपुर, मांडा, जसरा, सोरांव व कौड़िहार ब्लॉक में तैनात सफाई कर्मियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। सभी 23 ब्लॉक के सफाई कर्मियों के बयान दर्ज किए जाने के बाद डीडीओ अपनी रिपोर्ट सीडीओ को सौंपेंगे और इसके बाद कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।

‘निलंबित किए गए कनिष्ठ लिपिक के खिलाफ वसूली की शिकायत की जांच कराई जा रही है। हर ब्लॉक से 10 से 15 फीसदी सफाई कर्मियों को बुलाकर उनके लिखित बयान लिए जा रहे हैं। अब तक सात ब्लॉक के सफाई कर्मियों के बयान लिए जा चुके हैं। सभी 23 ब्लॉक के सफाई कर्मियों के बयान दर्ज किए जाने के लिए रिपोर्ट सीडीओ को सौंप दी जाएगी। - ’ जीपी कुशवाहा, जिला विकास अधिकारी।

कनिष्ठ लिपिक के निलंबन के बाद भी विवाद बना हुआ है, क्योंकि निबंलन के बाद लिपिक को डीपीआरओ कार्यालय में ही अटैच कर दिया गया। विधायक हाकिम लाल बिंद ने इस पर आपत्ति की है। उनका कहना है कि लिपिक को किसी ब्लॉक में अटैच करना चाहिए था ताकि डीपीआरओ कार्यालय से जुड़े कार्यों में हस्तक्षेप न हो। कनिष्ठ लिपिक के विकास भवन में ही बने रहे से जांच प्रभावित होने की भी आशंका है। विधायक का आरोप है कि सफाई कर्मियों को कार्रवाई की धमकी देकर बयान बदलने का दबाव बनाया जा रहा है। वह इस मामले में फिर से अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे।

‘संबंधित पद किसी ब्लॉक में नहीं है और न ही इस पद के कर्मचारी को किसी दूसरे जिले में स्थानांतरित किए जाने को कोई प्रावधान है। इसी वजह से हरिकेश पांडेय को डीपीआरओ कार्यालय से ही अटैच कर दिया गया है। - ’ रवि शंकर द्विवेदी, डीपीआरओ

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