Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile Aaradhya beauty parlour

प्रयागराज: दीक्षांत समारोह में बोले लोकसभा अध्यक्ष- 21वीं सदी को भारत की सदी बनाएंगे युवा

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। युवाओं को अपने तकनीकी कौशल का इस्तेमाल देश और समाज के लिए करना चाहिए। युवा ही 21 वीं सदी को भारत की सदी बनाएंगे। यह बातें शनिवार को मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के 19वें दीक्षांत समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मेधावियों से कहीं। उन्होंने कहा कि गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्थित प्रयागराज सभ्यता के प्रारंभ से ही विद्या, ज्ञान और लेखन का गढ़ रहा है। उन्होंने कहा, प्रयागराज देश का सबसे जीवंत बौद्धिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक रूप से जागरूक शहर है। यह महान महर्षि भारद्वाज, ऋषि दुर्वासा और ऋषि पन्ना की ज्ञानस्थली है। उनके तप और ज्ञान का लाभ पूरी दुनिया को हो रहा है। युवाओं से कहा कि अपनी सालों की मेहनत और गुरुओं से मिले तकनीकी ज्ञान का प्रयोग देश और समाज के लिए करें। 

SV News

एमएनएनआईटी की उत्कृष्ट विरासत का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि यह संस्थान प्रौद्योगिकी और नवाचार से समाज और मानवता के कल्याण के लिए समर्पित रहा है। युवा नए इनोवेशन के साथ स्टार्टअप्स शुरू कर रहे हैं और समाज की चुनौतियों का समाधान खोज रहे हैं। यही कारण है कि आज दुनिया वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए भारत की ओर देख रही है। युवा नौकरी खोजने की बजाय नौकरी देने वाले बन रहे हैं।लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वैश्विक आपदा के समय भारत के प्रयासों की दुनिया ने सराहना की है। लोकतंत्र, विशालता, विविधता और संस्कार देश की ताकत है। अध्यात्म और संस्कृति के आधार पर विश्व को साथ लेकर चलना भारत की विशेषता है।
2047 में विकसित भारत को लेकर प्रधानमंत्री के विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि अमृत काल में यह दायित्व देश के युवाओं के ऊपर है। अगले 25 साल में भारत शिखर पर तभी पहुंचेगा, जब देश हर सेक्टर में आगे बढ़ें, और इस दिशा में नौजवानों को नेतृत्व करना है। दीक्षांत समारोह में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर पद्मश्री विनोद कुमार सिंह, सांसद फूलपुर केसरी देवी पटेल, संस्थान के निदेशक प्रो. रमाशंकर वर्मा, डीन एकेडमिक प्रो. एलके मिश्रा और कुल सचिव डॉ. रमेश पांडेय आदि मौजूद रहे। समारोह में 1603 मेधावियों को उपाधियां बांटी गईं। इनमें 304 छात्राएं शामिल रहीं। स्नातक छात्रों को 16 और स्नातकोत्तर के 33 छात्रों को स्वर्ण पदक दिया गया। डासा के माध्यम से प्रवेेश लेने वाले 59 विदेशी छात्रों के साथ ही सांस्कृतिक संबंध परिषद के माध्यम से दाखिला लेने वाले 6 विदेशी छात्रों को भी उपाधियां दी गईं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad