मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
साधन सहकारी समिति पथरा में किसानों की बैठक हुई। जिसमें न्याय पंचायत पथरा के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत के किसान प्रतिनिधियों सहित कई किसानों ने भी शिरकत किया।खरीफ की खेती में होने वाली समस्याओं और उसके समाधान को लेकर साधन सहकारी समिति लिमिटेड की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। उपस्थित किसान बग्गू सिंह, रोशन सिंह,बन्धू आदिवासी आदि ने उर्वरक की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं खरपतवार नाशक दवा व जिंक, सल्फर, जिप्सम सहित कीटनाशक की भी बिक्री सोसायटी में उपलब्ध कराने की मांग रखी तो नेवादा ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान बाणीपति तिवारी द्वारा कहा गया कि शासन द्वारा किसानों की आमदनी दुगुनी करने का वादा किया गया था किन्तु आज तक साधन सहकारी समितियों का कायाकल्प के बारे में क्यों नहीं प्रयास किया गया। जबकि किसानों को सुविधाएं प्राप्त करने का एक मात्र स्थान सहकारी समिति ही है। बीते कालखंड का नजीर देते हुए तिवारी जी ने बताया कि हरित क्रान्ति योजना का लाभ सहकारी समिति के ही माध्यम से सुनिश्चित हुआ था और किसानों की मेहनत व सहकारी समितियों के योगदान के बल पर आज हमारा देश अनाज में आत्मनिर्भर हुआ है। जब से समितियों की अनदेखी शुरू हुई तब से किसानों की समस्या बढ़ने लगी है।पथरा साधन सहकारी समिति के अध्यक्ष जगनायक मिश्र ने बताया कि समिति में लगभग 1200किसान सदस्य हैं जिनके द्वारा लगभग 3600हेक्टेयर में खरीफ सीजन में धान की खेती की जाती है किन्तु समिति के पास पैसा के अभाव में पर्याप्त खाद की सुलभता नहीं हो पाती है,जिसके कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि किसानों की समस्याओं को संबंधित विभागीय अधिकारियों व शासन तक अवगत कराया गया है। उम्मीद है कि साधन सहकारी समिति पथरा से संबंधित किसानों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित होगा। ग्रामीण विकास को लेकर अनवरत प्रयासरत संस्था जनसुनवाई फाउंडेशन के प्रदेश प्रभारी अधिवक्ता कमलेश प्रसाद मिश्र ने बताया कि शासन की मंशा है कि किसानों की आमदनी दुगुनी हो किन्तु क्या कारण है कि किसानों के हित में स्थापित संस्था सहकारी समिति को कुपोषित करके रखा गया है। एक तरफ शासनादेश जारी होता है कि विभिन्न प्रकार से किसानों की मदद करते हुए आमदनी दुगुनी की जायेगी वहीं दूसरी तरफ आजादी के बाद की बनी संस्था को हासिए पर रखा गया है।जबकि सच्चाई यह है कि सहकारी समिति केवल एक संस्था तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह किसानों के सर्वांगीण विकास का आइना है। यदि वास्तव में शासन की मंशा किसानों का भला करने का है तो सहकारी समितियों को केवल खाद विक्री केन्द्र तक ही सीमित नहीं रखा जाय, बल्कि कृषि उत्पादन एवं उत्पाद केन्द्र के रूप में विकसित करते हुए सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय संरक्षण केंद्र का हब बनाया जाय। बैठक में ग्राम पंचायत भइयां के पूर्व प्रधान कौशलेश कुमार, राजकुमार, गोविन्द प्रसाद, राजेश कुमार , अश्विनी कुमार, दिनेश कुमार, ग्राम पंचायत शमलीपुर के पूर्व प्रधान शेखर द्विवेदी, जानकीनाथ,ग्राम पंचायत पथरा के पूर्व प्रधान लालजी मिश्र, दिनेश कुमार पाण्डेय, अवधराज सिंह, रामराज सिंह, चन्द्रमा पटेल, आदि किसान एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।